अयोध्या, 12 अप्रैल । रामनगरी अयोध्या में गुरुवार को एक ऐतिहासिक आयोजन के तहत देशभर के महिला आयोगों की अध्यक्षों, सदस्यों और प्रतिनिधियों का भव्य जमावड़ा देखने को मिला। यह तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम अवध विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित किया गया, जिसमें महिला जनप्रतिनिधियों को उनके अधिकारों और जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक किया गया।
सम्मेलन में महिलाओं की गरिमा, अधिकार, सुरक्षा और सशक्तिकरण से जुड़े कई गंभीर विषयों पर चर्चा हुई। इस दौरान इस बात पर भी चर्चा हुई कि कैसे महिला आयोग अधिक प्रभावी तरीके से कार्य कर सकती है और ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में महिलाओं को उनके अधिकार दिला सकती है। इस महत्वपूरेण आयोजन की अगुवाई राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने की।
इस मौके पर विजया रहाटकर ने कहा ”महिला आयोगों के पास बहुत से अधिकार हैं। इनके माध्यम से हम अंतिम महिला तक पहुंचकर उन्हें सशक्त बना सकते हैं। जरूरत है केवल सही दिशा में काम करने की।” उन्होंने जोर देते हुए कहा कि विवाह के बाद विवादों से बचने के लिए विवाह पूर्व संवाद केंद्र की स्थापना बेहद जरूरी है। उन्होंने आगे कहा कि विवाह पूर्व यदि सही काउंसलिंग हो, तो कई समस्याएं पहले ही सुलझाई जा सकती हैं। पुरुष और महिला के बीच संवाद से आपसी समझ बेहतर होती है, जिससे वैवाहिक जीवन में स्थायित्व आता है।
कार्यक्रम के दौरान जब कुछ प्रतिनिधियों ने महिलाओं द्वारा झूठी शिकायतें देकर पुरुषों को परेशान किए जाने का मुद्दा उठाया, तो रहाटकर ने साफ शब्दों में कहा कि गलत महिलाओं का समर्थन नहीं किया जाना चाहिए। कुछ महिलाओं की झूठी शिकायतों की वजह से संपूर्ण महिला समाज बदनाम होता है, जो निंदनीय है।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता ने भी अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि यह कार्यशाला राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर के नेतृत्व में आयोजित की गई। इसमें देशभर के महिला आयोगों की अध्यक्षों, सदस्यों और सदस्य सचिवों ने भाग लिया। विभिन्न क्षेत्रों से आए मोटिवेटर और विशेषज्ञों ने प्रशिक्षण देकर सभी को प्रेरित किया।
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