N1Live Uttar Pradesh महाकुंभ 2025 में पहुंची महिलाएं बोलीं ‘ सुरक्षा व्यवस्था जबरदस्त , पीएम मोदी और सीएम योगी का आभार’
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महाकुंभ 2025 में पहुंची महिलाएं बोलीं ‘ सुरक्षा व्यवस्था जबरदस्त , पीएम मोदी और सीएम योगी का आभार’

Women who reached Mahakumbh 2025 said, 'Security arrangements are tremendous, thanks to PM Modi and CM Yogi'

महाकुंभ नगर, 20 जनवरी । जप, तप और आस्था की नगरी प्रयागराज के त्रिवेणी संगम तट पर अध्यात्म के महापर्व महाकुंभ 2025 के दूसरे अमृत स्नान में अब कुछ ही दिन शेष हैं। 13 जनवरी से शुरू हुए पर्व में लाखों की संख्या में लोग आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। स्थानीय हों या बाहरी प्रदेशों से आए लोग, सभी एक सुर में कह रहे हैं कि व्यवस्था बेहतरीन है। न्यूज एजेंसी आईएएनएस से कुछ महिलाओं ने भी बात की। उन्होंने पीएम मोदी और सीएम योगी का आभार जताया।

कुशीनगर से आए श्रद्धालु विशाल ने कहा कि जो हमने टीवी पर देखा था, उससे कहीं गुना यहां पर व्यवस्था देखने को मिल रही है। 144 साल बाद यह महाकुंभ पड़ा है। अर्ध कुंभ, कुंभ आता रहता है लेकिन महाकुंभ 144 साल बाद पड़ा है और हमने इस महापर्व पर स्नान किया है। हम लोगों से भी कहेंगे कि यहां आएं, बहुत अच्छी व्यवस्था है। सरकार की ओर से सभी व्यवस्था अच्छी की गई है।

मीनू अकेली आई हैं। परिवार का कोई सदस्य साथ नहीं है। उनका कहना है कि वे सुरक्षित महसूस करती हैं। उन्होंने कहा, हम यहां पर अकेले आए हैं लेकिन सरकार ने सुरक्षा की व्यवस्था, साफ-सफाई की व्यवस्था बहुत अच्छी की है, जिससे किसी भी तरीके से कोई दिक्कत नहीं हुई है। हमने अच्छे से स्नान किया है, व्यवस्था बहुत अच्छी है और सुरक्षा की भी व्यवस्था की गई है।

गीता प्रयागराज की ही हैं। उनके लिए इस बार की व्यवस्था शानदार है। उन्होंने कहा, इस बार महाकुंभ में जो व्यवस्था की गई है, वह बहुत ही शानदार है। स्नान घाट को पक्का किया गया है, जो पहले नहीं था, जिससे काफी दिक्कत हुआ करती थी। नहाने में दिक्कत हुआ करती थी लेकिन इस बार सरकार ने बहुत अच्छी व्यवस्था की है। ऐसा पहले कभी नहीं किया गया। इसके लिए मैं सीएम योगी और पीएम मोदी का आभार जताती हूं।

वहीं तीर्थ पुरोहित प्रमोद दुबे ने कहा कि 100 गुना हम लोग इस बार खुश हैं क्योंकि जिस तरीके से यहां पर व्यवस्था की गई है, वह वास्तव में बहुत सुंदर है। यहां पक्का घाट बना दिया गया है। यहां पहले काफी दिक्कत हुआ करती थी। कच्चे घाट में कभी पैर में ईंट गड़ जाया करता था, कभी शीशा गड़ जाया करता था लेकिन पक्का घाट बन जाने से काफी राहत मिली है। इस बार सरकार द्वारा जो व्यवस्था की गई है, वह काफी अच्छी की गई है, जिससे सभी प्रसन्न हैं।

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