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मुंबई की जीएमएलआर सुरंग पर आज से काम शुरू, पीएम मोदी करेंगे भूमि पूजन

Work on Mumbai's GMLR tunnel starts from today, PM Modi will perform Bhoomi Pujan

मुंबई, 13 जुलाई । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मुंबई पर जा रहे हैं। वह अपने दौरे के दौरान दो अंडरग्राउंड ट्विन टनल प्रोजेक्ट्स के लिए भूमि पूजन करेंगे। ये सुरंगें (टनल) संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान (एसजीएनपी) के नीचे से गुजरेंगीं। इसका निर्माण बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) कर रहा है और इसकी लागत लगभग 6,300 करोड़ रुपये है।

अधिकारियों ने बताया कि जीएमएलआर (iगोरेगांव मुलुंद लिंक रोड) गोरेगांव में पश्चिमी एक्सप्रेस हाईवे को मुलुंड में पूर्वी एक्सप्रेस हाईवे से सीधे जोड़ेगा। इससे यात्रा का समय मौजूदा 85-90 मिनट से घटकर मात्र 20-25 मिनट रह जाएगा।

एसजीएनपी के नीचे से गुजरने वाली ये सुरेंगे मुंबई के उत्तर-पूर्वी और उत्तर-पश्चिमी उपनगरों के बीच चौथा महत्वपूर्ण संपर्क मार्ग उपलब्ध कराएगी, जिससे शहर को एक और प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजना मिलेगी।

यह एसजीएनपी के अंदर बनने वाली दूसरी सुरंग होगी। दूसरी बोरीवली-ठाणे लिंक रोड के लिए प्रस्तावित ट्विन-ट्यूब सुरंग है।

जहां तक ​​जीएमएलआर लिंक की वर्तमान स्थिति का सवाल है, पूर्वी एक्सप्रेस हाईवे से खिंडीपाडा जंक्शन तक और पश्चिमी एक्सप्रेस हाईवे से फिल्म सिटी तक दोनों तरफ अलग-अलग चौड़ाई की सड़कें चालू हैं।

हालांकि, फिल्म सिटी और खिंडीपाडा जंक्शन के बीच के हिस्से को ‘मिसिंग लिंक’ के रूप में पहचाना गया है, जिसे बीएमसी अब एसजीएनपी पहाड़ियों के नीचे 25-160 मीटर की गहराई पर ट्विन सुरंग के माध्यम से जोड़ेगी।

रिपोर्ट के मुताबिक, छह लेन वाले गोरेगांव-मुलुंड लिंक रोड (जीएमएलआर) की कुल लंबाई लगभग 13.25 किलोमीटर होगी और यह 45.7 मीटर चौड़ा होगा, जिसमें 4.70 किलोमीटर लंबा ट्विन सुरंग वाले हिस्से को टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) के माध्यम से खोदा जाएगा।

हर सुरंग में 1,800 मिमी डायमीटर की दो वाटर लाइनें होंगी। यह भांडुप कॉम्प्लेक्स से पश्चिमी उपनगरों तक पीने के पानी को ले जाएंगी। इसके इलावा इसमें मैकेनिकल वेंटिलेशन, एडवांस फायर-फाइटिंग एंड फायर-रेजिस्टेंस, सीसीटीवी, कंट्रोल रूम और फिल्म सिटी क्षेत्र के पास जंगली जानवरों के सुरक्षित मार्ग के लिए स्पेशल ग्रीन कॉरिडोर होंगे।

अधिकारियों ने बताया कि जीएमएलआर मेगा-प्रोजेक्ट पर काम पांच साल में पूरा होने की उम्मीद है। यह गोरेगांव और मुलुंड के बीच सबसे छोटा और सबसे तेज संपर्क होगा, जिससे समय, ईंधन और अन्य लाभों की भारी बचत होगी।

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