राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय चंबा के शोध केंद्र द्वारा आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का विषय ‘शोध प्रस्ताव कैसे लिखें’ है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को शोध करने की प्रक्रिया और लाभों के बारे में मार्गदर्शन देना है।
इस कार्यक्रम में शिक्षाविद् और पूर्व प्राचार्य डॉ. बिपिन सी. राठौर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। राजकीय महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. मोहिंदर सलारिया मुख्य वक्ता थे और राजकीय महाविद्यालय चंबा के प्राचार्य डॉ. मदन गुलेरिया संरक्षक थे।
डॉ. मदन गुलेरिया ने छात्रों की शैक्षणिक यात्रा और करियर में शोध के महत्व पर जोर दिया। पहले सत्र में मुख्य वक्ता डॉ. स्लारिया ने छात्रों के साथ अपने अनुभव साझा किए, शोध प्रस्तावों की संरचना और कार्यप्रणाली के बारे में बहुमूल्य जानकारी दी, जिससे भविष्य में पीएचडी की पढ़ाई करने वाले छात्रों को बहुत लाभ होगा।
डॉ. राठौर ने छात्रों के साथ अपने व्यापक शोध अनुभव भी साझा किए, तथा अपने पूरे करियर में किए गए विभिन्न शोध परियोजनाओं पर चर्चा की। उनका भाषण महत्वाकांक्षी शोधकर्ताओं के लिए प्रोत्साहन का एक बड़ा स्रोत रहा।
इस कार्यक्रम में अनुसंधान केंद्र के संकाय सदस्यों के साथ-साथ अन्य प्रोफेसरों की भी सक्रिय भागीदारी देखी गई। कार्यशाला में बड़ी संख्या में स्नातकोत्तर छात्र शामिल हुए और चर्चाओं में भाग लिया।
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