N1Live Uttar Pradesh योगी सरकार की न्यू हेल्थ पॉलिसी से डेवलप होगा वर्ल्ड क्लास हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर
Uttar Pradesh

योगी सरकार की न्यू हेल्थ पॉलिसी से डेवलप होगा वर्ल्ड क्लास हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर

World class health infrastructure will be developed with the new health policy of Yogi government

लखनऊ, 16 मई । योगी सरकार प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत करने के लिए नई स्वास्थ्य नीति तैयार कर रही है। इसके जरिए यूपी में स्वास्थ्य क्षेत्र में निजी निवेशकों को आकर्षित कर शहरी क्षेत्रों के साथ ग्रामीण इलाकों में उन्नत चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

इसका मुख्य उद्देश्य शहरी क्षेत्रों से लेकर ग्रामीण इलाकों तक बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के ढांचे को विकसित करना है ताकि ग्रामीण और छोटे शहरों के मरीजों को इलाज के लिए इधर-उधर भटकना न पड़े। यह नीति अगले पांच वर्षों के लिए लागू होगी। योगी सरकार जल्द ही नई स्वास्थ्य नीति पर कैबिनेट में मोहर लगा सकती है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ बैठक की थी। बैठक में सीएम योगी ने प्रदेश के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को वर्ल्ड क्लास बनाने के निर्देश दिए थे। इस पर अधिकारियों ने बताया था कि वे नई हेल्थ पॉलिसी पर विचार कर रहे हैं। सीएम योगी ने अधिकारियों को प्रदेश के शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए नई हेल्थ पॉलिसी तैयार करने पर मुहर लगा दी ताकि स्वास्थ्य क्षेत्र में निजी निवेशकों को आकर्षित किया जा सके। सीएम योगी ने बैठक में कहा था कि हमारा उद्देश्य केवल इलाज नहीं बल्कि बेहतर जीवन देना है। हर नागरिक को गुणवत्तापूर्ण और सुलभ स्वास्थ्य सेवा मिले, यह सरकार की प्राथमिकता है। इसके लिए हम निजी क्षेत्र को भागीदार बना रहे हैं, ताकि स्वास्थ्य के क्षेत्र में नवाचार, निवेश और समावेशन को बढ़ावा दिया जा सके।

योगी सरकार नई स्वास्थ्य नीति के माध्यम से प्रदेश में सुपर-स्पेशियलिटी सुविधाओं, न्यूरोसर्जरी, कार्डियोलॉजी, ऑन्कोलॉजी जैसी उच्चस्तरीय उपचार हर जिले में उपलब्ध कराएगी। इसके साथ ही निजी अस्पतालों को सरकारी योजनाओं प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना, आयुष्मान भारत डिजिटल आदि से जोड़ा जाएगा।

नई स्वास्थ्य नीति तीन मॉडल क्रमश: ए, बी और सी मॉडल पर आधारित होगी। इसमें ए मॉडल में 17 नगर निगम क्षेत्र शामिल होंगे, जिसमें नोएडा और ग्रेटर नोएडा भी होगा। इन क्षेत्रों में कम से कम 200 बेड वाले कम से कम तीन सुपर-स्पेशियलिटी अस्पतालों की स्थापना के लिए निजी निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा। यहां पर कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी, यूरोलॉजी, चिकित्सा, शल्य चिकित्सा, रेडिएशन संबंधित सुविधाओं के साथ ऑन्कोलॉजी और प्रसूति एवं स्त्री रोग समेत अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएगी।

वहीं मॉडल बी के तहत 57 जिला मुख्यालय में 200 बेड के अस्पतालों की स्थापना की जाएगी। यहां पर भी मॉडल ए की सभी सुविधाएं मरीजों को मिलेंगी। इसके अलावा मॉडल सी के तहत प्रदेश के सभी 75 जिलों के ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में 100 बेड वाले अस्पतालों की स्थापना की जाएगी। यहां पर मरीजों को सामान्य चिकित्सा, सामान्य शल्य चिकित्सा और प्रसूति एवं स्त्री रोग आदि की सुविधा मिलेगी।

नई नीति में निवेशकों को निजी क्षेत्र को भूमि खरीद में स्टाम्प ड्यूटी में 100 प्रतिशत तक की छूट, बिजली कनेक्शन में प्राथमिकता, अस्पतालों को जल्द अनुमोदन (एनओसी) की सुविधा दी जाएगी। वहीं अस्पतालों की स्थापना के लिए भूमि विकास प्राधिकरण या सरकारी एजेंसियों द्वारा रियायती दर पर दी जाएगी। नीति के तहत नए अस्पतालों में नर्सिंग, पैरामेडिकल और डॉक्टरों की नियुक्ति में स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। योगी सरकार का यह कदम न केवल स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार लाएगा बल्कि युवाओं को रोजगार भी उपलब्ध कराएगा। मेडिकल और नर्सिंग कॉलेजों से निकले छात्रों को इन संस्थानों से जोड़ने की व्यवस्था की जाएगी।

सीएम योगी ने बैठक में कहा कि नई स्वास्थ्य नीति को जल्द से जल्द तैयार करके उपलब्ध कराएं ताकि कैबिनेट में प्रस्ताव रखकर इस पर मोहर लग सके। उन्होंने निर्देश दिए कि नई नीति की स्वीकृति मिलते ही अगले तीन माह में कम से कम 20 जिलों में अस्पतालों के लिए भूमि आवंटन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

Exit mobile version