सरहिंद पर अपनी जीत के बाद, बाबा बंदा सिंह बहादुर ने 1710 और 1716 के बीच लोहगढ़ को अपनी राजधानी (सिख राज्य की राजधानी) के रूप में स्थापित किया। उनकी राजधानी के किले (लोहगढ़ किला) का क्षेत्र हरियाणा के वर्तमान यमुनानगर जिले और हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में फैला हुआ था।
अब, बाबा बंदा सिंह बहादुर लोहगढ़ ट्रस्ट ने उनकी विरासत को याद रखने के लिए लोहगढ़ में बंदा बहादुर के नाम पर एक विश्व स्तरीय स्मारक बनाने का निर्णय लिया है। यह स्मारक उनके साहसी नेतृत्व में खालसा साम्राज्य की दृढ़ता की कहानी को उजागर करेगा और भावी पीढ़ियों के लिए सिख समुदाय की गौरवशाली विरासत को प्रदर्शित करेगा।
यह ऐतिहासिक स्मारक यमुनानगर जिले के लोहगढ़ में लगभग 20 एकड़ भूमि पर बनाया जाएगा, जो भगवानपुर गांव (अब हरियाणा की ओर का लोहगढ़ क्षेत्र भगवानगढ़ पंचायत का हिस्सा है) की ग्राम पंचायत द्वारा उपलब्ध कराई गई है। 27 अक्टूबर को उनकी जयंती पर ट्रस्ट द्वारा लोहगढ़ में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय विद्युत, आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल खट्टर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।
इस अवसर पर खट्टर ने अत्याधुनिक संग्रहालय के निर्माण की आधारशिला रखी, जो बाबा बंदा सिंह बहादुर स्मारक परियोजना की औपचारिक शुरुआत का प्रतीक है।
सभा को संबोधित करते हुए खट्टर ने कहा था कि लोहगढ़ में स्मारक न केवल बंदा बहादुर के अदम्य साहस और बलिदान को अमर बनाएगा, बल्कि भावी पीढ़ियों के लिए सिख समुदाय की गौरवशाली विरासत को प्रदर्शित करने के केंद्र और भारतीय संस्कृति के केंद्र के रूप में भी काम करेगा।
खट्टर ने कार्यक्रम में कहा था, “सरहिंद विजय के बाद उन्होंने लोहगढ़ को अपनी राजधानी बनाया और वहीं से खालसा राज की नींव रखी। इस दौरान उन्होंने ज़मींदारी प्रथा का उन्मूलन किया और किसानों को राहत प्रदान की।” उन्होंने कहा कि यह स्मारक न केवल हरियाणा के लोगों के लिए, बल्कि देश-विदेश के श्रद्धालुओं के लिए भी आस्था और प्रेरणा का केंद्र बनेगा। खट्टर ने कहा, “उन्होंने अन्याय के विरुद्ध बहादुरी से लड़ाई लड़ी और धर्म व न्याय के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। उनका बलिदान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा।”
कार्यक्रम में हरियाणा के पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं ट्रस्ट के संस्थापक सदस्य कंवर पाल गुज्जर ने इसे क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण कड़ी बताते हुए कहा कि यह स्मारक लोगों के लिए समृद्धि के द्वार खोलेगा।

