सुल्तानपुर लोधी (पंजाब), 5 जून, 2025 — विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर, प्रसिद्ध पर्यावरणविद् और राज्यसभा सांसद संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने पंजाब और अन्य जगहों के लोगों से एक हार्दिक अपील जारी की: अधिक से अधिक पेड़ लगाएं, पर्यावरण की रक्षा करें और जलवायु परिवर्तन के खिलाफ अभी से कार्रवाई करें।
सुल्तानपुर लोधी से विशेष संदेश देते हुए संत सीचेवाल ने इस बात पर जोर दिया कि “हमारा भविष्य पृथ्वी से जुड़ा हुआ है।” उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण को केवल एक दिन की जागरूकता तक सीमित नहीं रखना चाहिए, बल्कि इसे प्रत्येक नागरिक का दैनिक कर्तव्य बनना चाहिए।
पंजाब का वन क्षेत्र तेजी से घट रहा है
पंजाब में पारिस्थितिकी गिरावट पर प्रकाश डालते हुए संत सीचेवाल ने बताया कि आदर्श रूप से 33 प्रतिशत भूमि पर वन होना चाहिए, लेकिन पंजाब मात्र 6 प्रतिशत वन क्षेत्र के साथ बहुत पीछे है।
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा , “जब भारत को आज़ादी मिली, तो पंजाब में 40% वन क्षेत्र था – हमने इसका ज़्यादातर हिस्सा खो दिया है।” उन्होंने यह भी कहा कि प्रत्येक मनुष्य को कम से कम 10 पेड़ों से ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है, उन्होंने लोगों से प्रकृति पर अपने व्यक्तिगत प्रभाव की गंभीरता को समझने का आग्रह किया।
जलवायु संकट दरवाजे पर
जलवायु परिवर्तन के बढ़ते खतरे पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि देश के कई क्षेत्र, विशेषकर निचले तटीय क्षेत्र, पहले से ही इसके विनाशकारी प्रभावों का सामना कर रहे हैं।
भूमिगत जल का तेजी से खत्म होना, नदियां और जलधाराएं सूखना, तथा असहनीय गर्मी की लहरें आसन्न संकट के सूचक हैं।
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, “ग्लोबल वार्मिंग ने देश की सांसें सुखा दी हैं। अगर हम अभी कार्रवाई नहीं करते हैं, तो आने वाली पीढ़ियाँ स्वच्छ हवा, पानी और ज़मीन के लिए तरस जाएँगी।”
सरकार और नागरिकों दोनों से आह्वान
पंजाब सरकार और आम जनता से अपील करते हुए संत सीचेवाल ने बड़े पैमाने पर और तत्काल वनरोपण अभियान की आवश्यकता पर बल दिया तथा पंजाब के बिगड़ते प्राकृतिक संसाधनों को बहाल करने के लिए दीर्घकालिक उपाय करने की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि यह सिर्फ नीतिगत मामला नहीं है, बल्कि आध्यात्मिक और संवैधानिक जिम्मेदारी भी है।
उन्होंने निष्कर्ष देते हुए कहा, “जब हम पर्यावरण की अनदेखी करते हैं तो हम न तो गुरबाणी का पालन कर रहे होते हैं, न ही विज्ञान का, न ही संविधान का। हमें आपदा का इंतजार नहीं करना चाहिए। अब कार्रवाई करने का समय आ गया है।”