जयपुर, राजस्थान के राजसमंद जिले में शनिवार को दुनिया की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा ‘विश्वास स्वरूपम’ (विश्वास की मूर्ति) का अनावरण किया गया। नाथद्वारा की गणेश टेकरी पर बनी 369 फीट ऊंची प्रतिमा को देखने में कम से कम चार घंटे लगेंगे। प्रतिमा का अनावरण हो चुका है और अब छह नवंबर तक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे और नौ दिनों तक आध्यात्मिक गुरु मोरारी बापू राम कथा का पाठ करेंगे। 51 बीघा की पहाड़ी पर बनी इस मूर्ति को बनने में 10 साल लगे और इसका निर्माण संत कृपा सनातन ने करवाया है। यह मदन पालीवाल, चेयरमैन, मिराज ग्रुप, उदयपुर के ड्रीम प्रोजेक्ट का हिस्सा रहा है।
प्रतिमा को ध्यान मुद्रा में बनाया गया है और कहा जाता है कि यह कई किलोमीटर दूर से दिखाई देती है। इस प्रतिमा के लिए विशेष रोशनी की भी व्यवस्था की गई है, ताकि रात में भी यह स्पष्ट रूप से दिखाई दे।
इस मूर्ति के दुनिया की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा बनने की कहानी भी दिलचस्प है। 2012 में योजना के अनुसार इसकी ऊंचाई 251 फीट तक रखी जानी थी। लेकिन बाद में निर्माण के दौरान इसकी ऊंचाई 351 फीट तक पहुंच गई। शिव की प्रतिमा पर गंगा की एक धारा जोड़ी गई, जिसके बाद इसकी ऊंचाई बढ़कर 369 फीट हो गई।
इस मूर्ति में लिफ्ट, सीढ़ियां, हॉल आदि भी बनाए गए हैं। निर्माण के दौरान लगभग 3,000 टन स्टील और लोहा, 2.5 लाख क्यूबिक टन कंक्रीट और रेत का उपयोग किया गया है। प्रतिमा 250 किमी तक हवा की गति का सामना कर सकती है। प्रतिमा की खूबी यह है कि इसके अंदर बने हॉल में एक बार में 10,000 लोग आ सकते हैं।
दुनिया में पांच सबसे ऊंची शिव प्रतिमाएं हैं : विश्वास स्वरूपम, राजस्थान – 369 फीट, कैलाशनाथ महादेव मंदिर, नेपाल – 143 मीटर, मरुदेश्वर मंदिर, कर्नाटक – 123 मीटर, आदियोग मंदिर, तमिलनाडु – 112 मीटर, मंगल महादेव, मॉरीशस – 108 मीटर।