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यासीन मलिक की पत्नी का राहुल गांधी को पत्र – ‘मेरे पति कश्मीर में ला सकते हैं शांति, उन्हें मौका दिया जाए’

Yasin Malik's wife's letter to Rahul Gandhi - 'My husband can bring peace to Kashmir, he should be given a chance'

नई दिल्ली, 7 नवंबर । जेल में बंद जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख यासीन मलिक की पत्नी मुशाल हुसैन मुलिक ने विपक्ष के नेता राहुल गांधी को एक चिट्टी लिखी है। उन्होंने पत्र लिखकर कांग्रेस नेता से संसद में उनके पति के लिए बहस शुरू कराने की अपील की। मुशैल हुसैन के मुताबिक केवल उनके पति ही जम्मू एवं कश्मीर में शांति ला सकते हैं।

मुशैल हुसैन का मानना ​​है कि जम्मू-कश्मीर में चल रही शांति प्रक्रिया में यासीन मलिक की भूमिका महत्वपूर्ण है और उसकी दुर्दशा का तत्काल समाधान किया जाना चाहिए।

मानवाधिकार और महिला सशक्तिकरण पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के पूर्व सहायक मुशैल ने लिखा, “राहुल जी, यासीन मलिक जम्मू-कश्मीर में शांति के लिए एक ताकत बन सकते हैं, बशर्ते उन्हें उचित मौका दिया जाए।”

मुशैल ने पत्र में कहा, “मेरे पति के साथ चल रहा व्यवहार किसी यातना से कम नहीं है और मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि उन्हें न्याय दिलाने में हमारी मदद करें।”

राहुल गांधी को लिखे पत्र में मुशैल ने अपने पति के खिलाफ चल रही कानूनी लड़ाई का जिक्र किया, विशेष रूप से दशकों पुराने राजद्रोह के मामले का, जिसमें राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अब मृत्युदंड की मांग की है।

कश्मीर के अलगाववादी नेता यासिन मलिक ने टेटर फंडिंग के एक केस में मृत्युदंड की एनआईए की अपील को चुनौती दी है।

एनआईए के आरोप 2017 में टेरर फाइनेंसिंग इन्वेस्टिगेशन से जुड़े हैं, जिसमें मलिक के साथ कई अन्य लोग शामिल थे। 2022 में मलिक को दोषी पाए जाने के बाद ट्रायल कोर्ट ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

हालांकि, मुशैल के अनुसार, मलिक की नजरबंदी और उसकी मौत की सजा की मांग ‘एक व्यापक राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा है।’

मुशैल ने दावा किया कि 2019 से भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार मलिक के साथ ‘अमानवीय’ व्यवहार कर रही है और उनके खिलाफ मुकदमे ‘राजनीति से प्रेरित’ हैं।

मुशैल ने पत्र में आरोप लगाया कि ‘मलिक पर 35 साल पुराने मामले में भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने का मुकदमा चल रहा है और अब, उन्हें फांसी की सजा देने के लिए मनगढ़ंत आरोप लगाए जा रहे हैं।’

मुशैल ने आगे कहा कि उनके पति, जो कभी सशस्त्र संघर्ष की वकालत करते थे, ने सालों पहले हिंसा का त्याग कर दिया था फिर अहिंसा और शांति का मार्ग अपनाया। उन्होंने कहा, ‘यासीन मलिक जम्मू-कश्मीर में वास्तविक शांति का साधन बन सकते हैं, न कि दिखावटी शांति जिसका वादा किया गया है।’

मुशैल ने यह भी बताया कि 2 नवंबर से मलिक जेल में अपने साथ हुए कठोर व्यवहार के विरोध में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे हैं।

मुशैल ने मलिक के स्वास्थ्य के प्रति गहरी चिंता व्यक्त की और चेतावनी दी कि लंबे समय तक भूख हड़ताल करने से उनकी जान को खतरा हो सकता है।

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