बेंगलुरु, 28 सितंबर । कर्नाटक के गृह मंत्री डॉ. जी परमेश्वर ने गुरुवार को कहा कि 29 सितंबर को केवल विरोध-प्रदर्शन की अनुमति है।
अगर किसी ने लोगों पर बंद कराने का दबाव बनाया तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। कन्नड़ संगठनों ने तमिलनाडु को कावेरी जल छोड़े जाने का विरोध करते हुए कर्नाटक बंद का आह्वान किया है।
जी परमेश्वर ने पत्रकारों से बात करते हुए, “मैं उन संगठनों को चेतावनी दे रहा हूं जिन्होंने बंद का आह्वान किया है। अदालत के निर्देशानुसार बंद नहीं किया जा सकता। इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”
सिर्फ विरोध प्रदर्शन की अनुमित है। बंद की इजाजत नहीं दी जाएगी। पुलिस को विशेष निर्देश देने की जरूरत नहीं है, उन्हें पता है कि क्या करना है। 26 सितंबर को हुए बेंगलुरु बंद के कारण लगभग 1,500 से 2,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
परमेश्वर ने चेतावनी दी कि इस बीच अगर एक बार और बंद रखा गया तो अर्थव्यवस्था के लिहाज से स्थिति और गंभीर हो जाएगी। संगठनों को यह पता होना चाहिए। विरोध प्रदर्शन करना हर किसी का अधिकार है, उन्हें विरोध प्रदर्शन करने दीजिए। लेकिन, अगर बंद लागू करने की कोशिश की गई, तो कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी।
कानूनी दायरे में रहकर विरोध प्रदर्शन की अनुमति दी जाएगी। तमिलनाडु सरकार के साथ कोई समझौता नहीं है।
उन्होंने कहा कि कावेरी मुद्दे पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए। भाजपा और जद (एस) ने हाल ही में हाथ मिलाया है। सरकार को दोष देने से कोई फायदा नहीं है।
विपक्ष को सरकार को सहयोग देना चाहिए। इस बीच, कर्नाटक राज्य के डीजीपी और आईजी आलोक मोहन ने चेतावनी दी कि शुक्रवार को जबरदस्ती बंद नहीं किया जाना चाहिए। जनता को परेशानी होने पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
सभी एसपी और डीसीपी को निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि अगर प्रदर्शनकारी दुकानें बंद कराने की कोशिश करेंगे तो कार्रवाई की जाएगी।
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