लखनऊ, 17 जनवरी । योगी सरकार बुजुर्गों के कल्याण और उनके सम्मानजनक जीवन के लिए समर्पित है। इसी उद्देश्य को साकार करने के लिए राज्य सरकार ने माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण एवं कल्याण के लिए व्यापक योजनाएं शुरू की है। ये योजनाएं राज्य के हजारों बुजुर्गों के जीवन को सशक्त और सम्मानजनक बना रही हैं।
कड़ाके की ठंड को देखते हुए योगी सरकार ने प्रदेश भर में संचालित सभी वृद्धाश्रमों में व्यापक सुविधाओं का इंतजाम किया है। योगी सरकार वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण के लिए करोड़ों खर्च कर रही है, जिलास्तर पर कार्यान्वयन समिति का गठन कर वृद्धाश्रमों का बेहतर प्रबंधन किया जा रहा है।
समाज कल्याण विभाग द्वारा प्रदेश के प्रत्येक जिले में 150 क्षमता वाले वृद्धाश्रमों का संचालन किया जा रहा है। इन वृद्धाश्रमों में बुजुर्गों को न केवल आवास उपलब्ध कराया जा रहा है, बल्कि, उनकी देखभाल और सामाजिक सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा रही है। इन वृद्धाश्रमों के सुचारू प्रबंधन के लिए जिला स्तर पर विशेष समितियों का गठन किया गया है। इसके साथ ही भरण-पोषण अधिकारियों की नियुक्ति की गई है, जो बुजुर्गों की समस्याओं के समाधान और उनकी देखभाल में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल के लिए सरकार ने सुलह अधिकारी पैनल भी गठित किया है, जो इस प्रक्रिया को प्रभावी और पारदर्शी बनाने में सहायक है। इसके अलावा, वृद्धाश्रमों में प्रवेश और प्रबंधन को सुव्यवस्थित करने के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, जिससे बुजुर्गों को सभी सुविधाएं समय पर उपलब्ध हो सकें। प्रदेश में जारी कड़ाके की ठंड में बुजुर्गों को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े, इसके दृष्टिगत योगी सरकार ने सभी वृद्धाश्रमों में ठंड से बचाव के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं।
योगी सरकार इन वृद्धाश्रमों की देखभाल और बुजुर्गों के सम्मानजनक जीवन यापन पर हर साल करोड़ों रुपये खर्च कर रही है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में 5,443 बुजुर्गों ने इन सेवाओं का लाभ उठाया, जिस पर 49.87 करोड़ रुपये व्यय किए गए। इसके अगले वर्ष 2023-24 में लाभार्थियों की संख्या बढ़कर 6,864 हो गई, जिसके लिए 61.94 करोड़ रुपये आवंटित किए गए। चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में करीब 7 हजार बुजुर्गों के लिए योगी सरकार 40.02 करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर रही है।
योगी सरकार की यह पहल बुजुर्गों के जीवन में एक नई ऊर्जा और आत्मसम्मान लेकर आई है। इन वृद्धाश्रमों ने न केवल उन्हें आवासीय सुरक्षा प्रदान की है, बल्कि उन्हें एक नया परिवार और सामाजिक सुरक्षा भी दी है। राज्य सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि कोई भी बुजुर्ग अपने जीवन के इस चरण में उपेक्षित महसूस न करे। उत्तर प्रदेश में संचालित इन योजनाओं ने सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में एक नई पहचान बनाई है।