डॉ. बी.आर. अंबेडकर राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की मूट कोर्ट सोसाइटी द्वारा आयोजित “नियोफाइट 3.0” मूट कोर्ट प्रतियोगिता का शुभारंभ कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) देविंदर सिंह की अध्यक्षता में हुआ। उद्घाटन समारोह का शुभारंभ सम्मानित अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ।
सभा को संबोधित करते हुए, कुलपति ने कानूनी शिक्षा के एक महत्वपूर्ण व्यावहारिक घटक के रूप में मूट कोर्ट गतिविधियों के महत्व पर ज़ोर दिया। उन्होंने छात्रों को ऐसी शैक्षणिक गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया। कुलपति ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
धन्यवाद ज्ञापन के बाद, मूट कोर्ट सोसाइटी की अध्यक्षा जैस्मीन सेठी द्वारा हथौड़ा मारकर प्रतियोगिता का औपचारिक उद्घाटन किया गया। इसके बाद, लॉटरी निकाली गई और स्मृति चिन्हों का आदान-प्रदान किया गया। प्रारंभिक चरणों में, आठ टीमों ने क्वार्टर फ़ाइनल राउंड के लिए क्वालीफाई किया, जहाँ से शीर्ष चार टीमें संकाय सदस्यों द्वारा निर्धारित सेमीफ़ाइनल में पहुँचीं।
फाइनल राउंड में टीम कोड 12 और टीम कोड 44 के बीच मुकाबला हुआ। जजों के प्रतिष्ठित पैनल में दिल्ली विश्वविद्यालय की डॉ. वागेश्वरी देसवाल, सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट मनरीत कौर और सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड दीपलक्ष्मी एस. मतवणकर शामिल थीं। टीम कोड 12 (प्रियांशी झा और तनिस्का गोयल) विजेता रहीं, जबकि टीम कोड 44 (प्रियांशी भारद्वाज और अवनी जैन) उपविजेता रहीं।
सर्वश्रेष्ठ वक्ता का पुरस्कार इर्तिका रहमान को तथा सर्वश्रेष्ठ स्मारक पुरस्कार कोड 38 की टीम (तान्या और समीक्षा) को कुलपति एवं विशिष्ट अतिथियों द्वारा प्रदान किया गया। रजिस्ट्रार प्रोफेसर (डॉ.) आशुतोष मिश्रा ने कहा कि इस तरह की प्रतियोगिताएं छात्रों की विश्लेषणात्मक तर्कशक्ति, तर्क कौशल और कानूनी कौशल को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाती हैं, तथा उन्हें वास्तविक अदालती अनुभव प्रदान करती हैं।
मूट कोर्ट सोसाइटी के संयोजक डॉ. सुखविंदर सिंह ने सभी आमंत्रित अतिथियों और प्रतिभागी छात्रों का हार्दिक आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में कुलपति के विशेष कार्याधिकारी ललित कुमार, कुलपति के निजी सचिव राजेश कुमार, संकाय सदस्य और बड़ी संख्या में छात्र उपस्थित थे।


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