November 28, 2024
National

उत्तराखंड में नकल विरोधी कानून को लेकर युवाओं में खुशी, सरकारी नौकरी में पारदर्श‍िता धामी सरकार की प्राथमिकता

देहरादून, 29 सितंबर। उत्तराखंड की धामी सरकार सरकारी नौकरी के तहत खाली पदों पर भर्तियों में पारदर्शिता लाने को लेकर बड़े कदम उठा रही है। इसी कड़ी में प्रदेश के ज्यादा से ज्यादा बेरोजगार युवा परीक्षा में हिस्सा ले सकें, इसको लेकर धामी सरकार की ओर से निशुल्क फॉर्म भरने की भी सहूलियत प्रदान की गई है।

नकल विरोधी कानून और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पारदर्शी परीक्षा की सोच और इस द‍िशा में उठाए गए कदमों ने युवाओं को बेहतर अवसर प्रदान किए हैं।

उत्तराखंड के सरकारी विभागों में नौकरी पाने वाले युवाओं का मानना है कि धामी सरकार की ओर से नकल विरोधी कानून आने से भर्ती परीक्षाएं पारदर्शी तरीके से हो रही हैं, इससे युवाओं में खुशी की लहर है। युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को धन्यवाद दे रहे हैं।

युवाओं को रोजगार देने को लेकर धामी सरकार प्रतिबद्ध नजर आ रही है। सरकारी नौकरी के तहत खाली पदों को भरने को लेकर सरकार ने बड़ा एक्शन प्लान तैयार किया है। बीते दिनों मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विभागों में खाली पड़े पदों को भरने की बात कही थी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली सरकार राज्य में रोजगार देने की दिशा में नए कीर्तिमान बना रही है। इसी कड़ी में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के द्वारा 4900 पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की जा रही है। इसमें पुलिस आरक्षी के 2000 पद शामिल हैं, तो वहीं वन आरक्षी के भी 600 पदों पर भर्ती प्रक्रिया होनी है। ।

बीते दिनों मुख्यमंत्री धामी ने कहा था कि, उत्तराखंड को देश के अग्रणी राज्यों के साथ खड़ा करना हमारा संकल्प है। हम रोजगार के अधिकाधिक अवसर सृजित कर रहे हैं। सरकारी क्षेत्र में ही 16 हजार से अधिक युवाओं को हमने नियुक्ति दी है। निजी क्षेत्र में भी यह सिलसिला शुरू हो चुका है। आगामी सालों में निवेश के अधिकांश करारों के धरातल पर उतरने से लाखों युवाओं को रोजगार मिलेगा। उत्तराखंड युवाओं को सिर्फ रोजगार ही नहीं देगा, बल्कि उन्हें दूसरों को रोजगार देने वाला भी बनाएगा।

उत्तराखंड में सभी आयु वर्गों में बेरोजगारी दर 4.5 प्रतिशत से घटकर 4.3 प्रत‍िशत पर आ गई है। 15-29 वर्ष के आयु वर्ग में 14.2 से घटकर 9.8 प्रतिशत पर आ गई है। वर्ष 2022-23 की तुलना में 2023-24 में सभी आयु वर्गों में श्रमिक जनसंख्या अनुपात में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। 15-29 वर्ष के आयु वर्ग में श्रमिक जनसंख्या अनुपात 27.5 प्रतिशत से बढ़कर 44.2 प्रतिशत हो गया है।

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