श्रीगंगानगर में एक युवक द्वारा नाबालिग लड़की का अपहरण कर कई दिनों तक बलात्कार करने के 3 साल पुराने मामले में आज विशेष अदालत ने आरोपी को 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई और 35,000 रुपये का जुर्माना लगाया.
मामले की सुनवाई के दौरान पॉक्सो एक्ट मामलों की विशेष अदालत के न्यायाधीश सुरेंद्र खरे ने आरोपी रणवीर कुमावत का जमानत बांड निरस्त कर उसे कारावास की सजा सुनाई.
विशेष लोक अभियोजक गुरुचरण सिंह रूपाणा ने बताया कि 12 फरवरी 2021 को एक महिला ने रिपोर्ट दी कि उसकी 17 वर्षीय बेटी लापता है. उस शाम वह कुछ देर के लिए बाजार गयी थी. खोजबीन के बाद भी बच्ची का पता नहीं चला. तब महिला को पता चला कि रणवीर कुमावत ने कथित तौर पर उसकी बेटी का अपहरण कर लिया है. उसकी शिकायत पर अपहरण का मामला दर्ज किया गया था.
रणवीर का पता लगाने के लिए पुलिस की तीन टीमें बनाई गईं। एक टीम ने महिला के घर के पास लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज देखी तो घटना वाले दिन रणवीर गली में मोबाइल फोन पर बात करता नजर आया.
5 जून 2021 को लड़की सोनीपत में मिली और आरोपी रणवीर पकड़ा गया. मेडिकल जांच के बाद इस बात की पुष्टि हो गई कि उसने लड़की के साथ शारीरिक संबंध बनाए थे. सीआरपीसी की धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के सामने लड़की का बयान भी दर्ज किया गया। रणवीर कुमावत को अपहरण और बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
अदालत ने आज रणवीर कुमावत को आईपीसी की धारा 363 के तहत पांच साल कैद, आईपीसी की धारा 366 के तहत 7 साल कैद और आईपीसी की धारा 376 (2) (एन) और धारा 5 (एल) के तहत 20 साल कैद की सजा सुनाई। )/POCSO अधिनियम के 6. 35 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया.
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