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‘रूपा’ बनने में रोड़ा था जीनत का मॉडर्न लुक, अभिनेत्री ने बताया राज कपूर के सामने कैसे किया था खुद को पेश

Zeenat's modern look was a hindrance in becoming 'Rupa', the actress told how she presented herself in front of Raj Kapoor

मुंबई, 15 दिसंबर । राज कपूर की 100वीं जयंती के अवसर पर धर्मेंद्र, अमिताभ बच्चन समेत तमाम सितारों ने हिंदी सिनेमा के ‘शोमैन’ को खूबसूरत शब्दों के साथ याद किया। एवरग्रीन अभिनेत्री जीनत अमान ने अपने एक पुराने इंस्टाग्राम पोस्ट को री-पोस्ट कर राज कपूर के लिए अपने जज्बात और ‘शोमैन’ की खूबियों को बयां किया। अभिनेत्री ने दिलचस्प किस्सा शेयर करते हुए बताया कि ‘सत्यम् शिवम् सुन्दरम्’ में उनका सिलेक्शन कैसे हुआ और वह ‘रूपा’ कैसे बनीं।

जीनत अमान ने लिखा, “दिसंबर में हम दिग्गज राज कपूर की 100वीं जयंती मनाएंगे। मैंने ‘सत्यम् शिवम् सुंदरम्’ में ‘रूपा’ के रूप में मुझे कास्ट करने की कहानी को कई बार आप लोगों के साथ शेयर किया है, लेकिन यहां इंस्टाग्राम पर मेरे करियर का एक शानदार किस्सा पहली बार आपके सामने पेश है।

“यह 1976 के आसपास की बात है जब हम ‘वकील बाबू’ की शूटिंग कर रहे थे। फिल्म में राज जी मुख्य भूमिका में थे, जबकि उनके छोटे भाई शशि कपूर और मैं एक-दूसरे के प्रेमी के रूप में थे। टेक के बीच में जब टेक्निशियन सेट बदलते थे और लाइट्स को ठीक करते थे, तो हम कलाकारों के पास कुछ काम करने का समय मिल जाता था। इसमें कोई शक नहीं कि राज जी के पास अपनी कला को लेकर एक क्रांतिकारी नजरिया था और उसी नजरिए, उत्साह को वह अपनी अगली फिल्म (सत्यम् शिवम् सुन्दरम्) में डालना चाहते थे।

“राज जी ने हमें कई दिनों तक एक ऐसे आदमी की कहानी के बारे में बताई जो एक महिला की आवाज से प्यार करता है, लेकिन उसका जुड़ाव (जले हुए चेहरे के साथ) उसकी शक्ल से नहीं कर पाता। वह हमसे बेबाकी और उत्साह के साथ इस बारे में रोज बात किया करते थे, लेकिन उन्होंने एक बार भी यह संकेत नहीं दिया कि मैं इस फिल्म का हिस्सा हो सकती हूं। मैं एक स्टार थी और मुझे कास्ट करने में उनकी रुचि की कमी या उनकी अनदेखी मुझे परेशान कर रही थी।

“मुझे यह पता चल गया था कि मिनी स्कर्ट और बूट्स के साथ मेरी मॉडर्न छवि ही इसके लिए दोषी थी और वह मुझे ‘रूपा’ के रूप में नहीं देख पा रहे थे। मुझे यह भी पता था कि राज जी खाली समय अपने आरके स्टूडियो के मैदान ‘द कॉटेज’ सेट पर बिताते थे। यहीं पर वह मीटिंग या छोटे-मोटे कार्यक्रम आयोजित करते थे।

एक दिन मैंने राज जी से बात करने के बारे में सोचा और एक शाम शूटिंग से जल्दी पैक-अप कर लिया और अपने ड्रेसिंग रूम में ‘रूपा’ के रूप में खुद को तैयार करने में जुट गई और इसमें लगभग 30 मिनट लगाए। मैंने घाघरा-चोली पहनी, अपने बालों का जुड़ा बनाया और फिर अपने चेहरे पर टिशू पेपर से गोंद चिपका लिया ताकि मेरा चेहरा दागदार दिखाई दे। ‘रूपा’ के रूप में तैयार होकर जब मैं कॉटेज पहुंची तो राज जी के असिस्टेंट जॉन ने दरवाजा खोला और मुझे अंदर आने के लिए कहा। इस गेटअप में उसने मुझे शंका और कौतूहल भरी नजरों से देखा।”

मैंने उससे कहा, “जाओ साहब जी को कहो कि रूपा आई है।“

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