ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में संक्रमण के प्रति ‘शून्य सहनशीलता’ की नीति अपनाने का आह्वान करते हुए इस बात पर जोर दिया कि यह न केवल एक पेशेवर जिम्मेदारी है, बल्कि एक नैतिक दायित्व भी है। वे शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) के अटल सभागार में संक्रमण की रोकथाम पर आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला के समापन समारोह में बोल रहे थे।
मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि अस्पताल में होने वाले संक्रमण से मरीजों की सुरक्षा को गंभीर खतरा है और इससे स्वास्थ्य सेवा संस्थानों की विश्वसनीयता पर बुरा असर पड़ सकता है। उन्होंने स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों से सभी स्तरों पर सतर्क रहने और स्वच्छता प्रोटोकॉल के प्रति प्रतिबद्ध रहने का आग्रह किया।
राज्य सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए पहल की जा रही है, खासकर दूरदराज और वंचित क्षेत्रों में। इन प्रयासों में आधुनिक तकनीक का एकीकरण और स्वास्थ्य विभाग में लंबे समय से खाली पड़े पदों को भरने के लिए चिकित्सा कर्मियों की भर्ती शामिल है।
समर्थन के संकेत के रूप में मंत्री ने नर्सिंग स्कॉलर सोसाइटी को एक लाख रुपये का दान देने की घोषणा की तथा हिमाचल प्रदेश के विभिन्न नर्सिंग कॉलेजों के योगदान की सराहना की।