इंग्लैंड का प्रसिद्ध लिवरपूल विश्वविद्यालय भारत में अपना कैंपस शुरू करेगा। भारत में कैंपस शुरू करने वाला यूके का यह दूसरा विश्वविद्यालय होगा।
सोमवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दिल्ली में यूनिवर्सिटी ऑफ लिवरपूल को ‘लेटर ऑफ इंटेंट’ सौंपा। इंग्लैंड के इस विश्वविद्यालय का भारतीय कैंपस बैंगलुरु में शुरू किया जाएगा। विदेशी विश्वविद्यालय विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित में अपने परिसर खोलने के लिए भारत आएंगे। लिवरपूल विश्वविद्यालय को आशय पत्र सौंपे जाने के लिए दिल्ली में एक समारोह आयोजित किया गया। समारोह की अध्यक्षता केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने की।
यूजीसी ने विदेशी विश्वविद्यालयों के लिए खास प्रावधान किए हैं। इन प्रावधानों में भारत में कैंपस शुरू करने और उनके संचालन के संबंधी नियम बनाए गए हैं। इसके अंतर्गत लिवरपूल विश्वविद्यालय को पत्र दिया गया है। लिवरपूल यह पत्र प्राप्त करने वाला दूसरा विदेशी विश्वविद्यालय बन गया है। इस समारोह में ब्रिटेन की उच्चायुक्त लिंडी कैमरन, यूजीसी के अंतरिम अध्यक्ष डॉ. विनीत जोशी, यूनिवर्सिटी ऑफ लिवरपूल के वाइस-चांसलर प्रो. टिम जोन्स, ग्लोबल इंगेजमेंट के प्रो-वाइस-चांसलर प्रो. तारिक अली सहित विदेश मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय और यूजीसी के वरिष्ठ अधिकारी व अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
समारोह के दौरान तीन महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों पर भी हस्ताक्षर किए गए, जिनमें रॉयल कॉलेज ऑफ ऑब्स्टेट्रिशियंस एंड गायनाकोलॉजिस्ट्स, एस्ट्राजेनेका फार्मा इंडिया लिमिटेड और ड्रीम11 जैसे संगठनों के साथ साझेदारी की संभावनाओं का पता लगाने पर सहमति बनी।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि लिवरपूल के साथ मिलकर उठाया गया यह कदम भारत को वैश्विक उच्च शिक्षा के एक भरोसेमंद साझेदार के रूप में स्थापित करता है। यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के विजन की दिशा में एक और मील का पत्थर है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य को दोहराते हुए कहा कि एनईपी 2020 का प्रभावी क्रियान्वयन इस महत्वाकांक्षा को साकार करने की कुंजी है।
उन्होंने अनुसंधान और नवाचार जैसे क्षेत्रों पर ध्यान देने की आवश्यकता बताई और खुशी जताई कि यूनिवर्सिटी ऑफ लिवरपूल विज्ञान, गणित, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के विषयों में अनुसंधान पर फोकस करेगी।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि यूनिवर्सिटी ऑफ लिवरपूल भारत में अपनी मौजूदगी की घोषणा करने वाला चौथा विदेशी विश्वविद्यालय है और इस अकादमिक वर्ष में 15 विदेशी विश्वविद्यालय भारत आ रहे हैं। बेंगलुरु में स्थापित होने वाला यह कैंपस अगस्त 2026 से अपने पहले बैच का स्वागत करेगा, जिसमें बिजनेस मैनेजमेंट, अकाउंटिंग एंड फाइनेंस, कंप्यूटर साइंस, बायोमेडिकल साइंस और गेम डिजाइन जैसे कोर्स पेश किए जाएंगे। गेम डिजाइन कोर्स भारत में किसी यूके विश्वविद्यालय द्वारा पहली बार शुरू किया जा रहा है।
यूजीसी के चेयरमैन डॉ. विनीत जोशी ने कहा कि यह पहल केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि भारत की उच्च शिक्षा प्रणाली में हो रहे गहरे और व्यापक बदलाव का प्रतीक है। एनईपी के तहत शिक्षा को अधिक समावेशी, वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी और भविष्य के लिए तैयार बनाने के उद्देश्य से कई रणनीतिक सुधार लागू किए गए हैं। नए कैंपस में अनुसंधान-प्रधान वातावरण तैयार किया जाएगा। यह स्थानीय व वैश्विक चुनौतियों के समाधान हेतु मूलभूत व औद्योगिक अनुसंधान को बढ़ावा देगा। छात्रों को वैश्विक अवसरों और करियर की संभावनाओं के लिए तैयार किया जाएगा।
समारोह के दौरान दो पैनल चर्चा भी आयोजित की गई, ‘द फ्री ट्रेड एग्रीमेंट एंड बियॉन्ड’ और ‘द इंडिया-यूके चैलेंज ऑफ एंटी माइक्रोबियल रेसिस्टेंस।’
यूनिवर्सिटी ऑफ लिवरपूल 1881 में स्थापित, यूके के प्रमुख रिसर्च-इंटेंसिव संस्थानों में से एक है। यह विश्वविद्यालय वैश्विक स्तर पर शीर्ष 175 विश्वविद्यालयों में शामिल है।
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