टोरंटो, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे की मांग फिर से देश में उठने लगी है। उप प्रधानमंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने सोमवार को अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ धमकियों पर ट्रूडो से अनबन के चलते इस्तीफा दे दिया।
सत्तारूढ़ लिबरल पार्टी के एक तिहाई सांसदों ने कनाडा में नेतृत्व परिवर्तन की मांग की है, जिससे देश में राजनीतिक संकट और गहरा गया है।
सोमवार शाम को कनाडाई मीडिया ने बताया कि ट्रूडो ने अभी तक यह तय नहीं किया है कि वह प्रधानमंत्री के पद पर बने रहेंगे या इस्तीफा देंगे।
हाउस ऑफ कॉमन्स में 153 सदस्यीय कॉकस में से उनके पद से हटने की मांग करने वाले विद्रोही सांसदों की संख्या बढ़कर लगभग 60 हो गई है।
लिबरल पार्टी के नेता ट्रूडो अपने मुख्य प्रतिद्वंद्वी कंजर्वेटिव पियरे पोलिएवर से सर्वे में 20 अंक पीछे हैं, जिन्होंने सितंबर से ट्रूडो सरकार को गिराने और शीघ्र चुनाव कराने के लिए तीन बार प्रयास किया है।
फ्रीलैंड ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने त्यागपत्र में कहा, “हमारा देश आज गंभीर चुनौती का सामना कर रहा है।” उन्होंने कनाडा से आयातित वस्तुओं पर ट्रंप की 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की योजना की ओर इशारा किया।
फ्रीलैंड ने कनाडा के वित्त मंत्री के पद से भी इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफे से प्रधानमंत्री ट्रूडो के खिलाफ उनके मंत्रिमंडल में पहली बार खुली असहमति पैदा हुई, जिससे सत्ता पर उनकी पकड़ को खतरा पैदा हो गया। उन्होंने अपने त्यागपत्र में लिखा, “पिछले कुछ सप्ताहों से आप और मैं कनाडा के लिए सर्वोत्तम मार्ग के बारे में असहमत हैं।”
साल 2013 में पहली बार संसद के लिए चुनी गईं पूर्व पत्रकार फ्रीलैंड दो साल बाद ट्रूडो के मंत्रिमंडल में शामिल हुईं, जब लिबरल्स पार्टी सत्ता में आई। उन्होंने व्यापार और विदेश मंत्री सहित प्रमुख पदों पर काम किया और यूरोपीय संघ और संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ मुक्त व्यापार वार्ता का नेतृत्व किया था।
हाल ही में, उन्हें आगामी ट्रंप प्रशासन के कदमों पर कनाडा की प्रतिक्रिया में मदद करने का कार्य सौंपा गया था।
बता दें कि कनाडा का मुख्य व्यापारिक साझेदार संयुक्त राज्य अमेरिका है, जिसका 75 प्रतिशत निर्यात प्रतिवर्ष अपने दक्षिणी पड़ोसी देश को जाता है।