December 27, 2024
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कोलंबो टर्मिनल परियोजना के लिए श्रीलंका ने भी जताया अदाणी समूह पर भरोसा

कोलंबो टर्मिनल परियोजना के लिए श्रीलंका ने भी जताया अदाणी समूह पर भरोसा

 

नई दिल्ली, श्रीलंका पोर्ट्स अथॉरिटी ने उसकी परियोजना को लेकर अदाणी ग्रुप के साथ अपने समझौतों पर भरोसा जताया है। इससे पहले, अबू धाबी के ग्लोबल सॉवरेन फंड इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी (आईएचसी) और तंजानिया सरकार ने कहा था कि अमेरिका में चल रही एक जांच में अदाणी समूह की कंपनी का नाम आने के बावजूद समूह के साथ उनके कारोबारी रिश्तों पर कोई असर नहीं होगा।

अदाणी समूह श्रीलंका में बंदरगाह के विस्तार की एक परियोजना में अहम भूमिका निभा रहा है। कोलंबो टर्मिनल में एक अरब डॉलर का निवेश प्रस्तावित है जो देश के बंदरगाह क्षेत्र में सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश है।

श्रीलंका पोर्ट्स अथॉरिटी के चेयरमैन एडमिरल सिरिमेवन रानसिंघे (सेवानिवृत्त) ने एक सवाल के जवाब में स्पष्ट किया कि परियोजना को रद्द करने पर कोई चर्चा नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि यह परियोजना अगले कुछ महीनों में शुरू हो जाएगी।

उल्लेखनीय है कि श्रीलंका सरकार के प्रवक्ता नलिंदा जयतिस्सा ने 26 नवंबर को कहा था अमेरिका की ओर से रिश्वत लेन-देन के एक मामले की जांच के मद्देनजर श्रीलंका ने अदाणी समूह के स्थानीय निवेशों की जांच शुरू कर दी है।

वहीं अबू धाबी की आईएचसी ने भी कहा, “अदाणी ग्रुप के साथ साझेदारी ग्रीन एनर्जी और सस्टेनेबिलिटी सेक्टर्स में उनके योगदान में हमारे विश्वास को दर्शाती है।”

आईएचसी का नाम दुनिया के बड़े सॉवरेन फंड्स में शामिल है और यह 100 अरब डॉलर से ज्यादा की संपत्तियों का प्रबंधन करता है।

आईएचसी ने अप्रैल 2022 में अदाणी ग्रुप की रिन्यूएबल एनर्जी कंपनी अदाणी ग्रीन एनर्जी और बिजली कंपनी अदाणी ट्रांसमिशन में लगभग 50 करोड़ डॉलर और ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अदाणी एंटरप्राइजेज में एक अरब डॉलर का निवेश किया था।

तंजानिया सरकार ने भी अदाणी पोर्ट्स के साथ अपने समझौतों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए कहा, “चल रही परियोजनाओं के बारे में कोई चिंता नहीं है और सभी अनुबंध पूरी तरह से देश के कानून का अनुपालन करते हैं।”

इसके अलावा शीर्ष निवेशकों ने भी अदाणी ग्रुप के शेयरों पर गुरुवार को भरोसा जताया गया। जीक्यूजी पार्टनर्स ने कहा कि ऐसा नहीं लगता कि इस तरह के एक्शन से कंपनी के कारोबार पर कोई असर होगा। उन्होंने कहा कि कंपनी द्वारा किए जा रहे बिजनेस क्रिटिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर में आते हैं और उन्हें भारत सरकार द्वारा रेगुलेट किया जाता है। ज्यादातर मामलों में इसमें लंबी अवधि के अनुबंध होते हैं। हमें विश्वास है कि कंपनी का आधार मजबूत बना हुआ है।

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