जयपुर, 18 अक्टूबर । राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को फिर से 2020 के राजनीतिक संकट का हवाला दिया और गजेंद्र सिंह शेखावत, धर्मेंद्र प्रधान और अमित शाह जैसे केंद्रीय मंत्रियों पर उनकी सरकार को गिराने की योजना में शामिल होने का आरोप लगाया।
गहलोत ने कहा कि भाजपा और आरएसएस ने यह अफवाह फैलाई है कि कांग्रेस के विधायक अधिक भ्रष्ट हैं। उन्होंने सवाल किया, “अगर ये विधायक भ्रष्ट थे, तो उन्होंने 10 करोड़ रुपये की पहली किस्त क्यों नहीं ली? अगर विधायक भ्रष्ट थे, तो उन्होंने लिया होता और उन्हें कोई रोकने वाला नहीं था। कोई पूछने वाला नहीं था। जिन्होंने ले लिया होगा, क्या कोई उनसे पूछ रहा है?”
दिल्ली रवाना होने से पहले जयपुर एयरपोर्ट पर मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘अगर हमारे विधायक भ्रष्ट होते तो राजनीतिक संकट के दौरान मिल रहे 10-10 करोड़ रुपये नहीं छोड़ते…लालच होता तो ले लेते। 10 करोड़ रुपये कौन छोड़ना चाहेगा? यह आरोप लगाना बहुत आसान है कि विधायकों ने बहुत भ्रष्टाचार किया है। आजकल आरोपों का युग है और आप किसी पर भी आरोप लगा सकते हैं, चाहे सबूत हो या न हो।’
उन्होंने कहा कि अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजस्थान में कांग्रेस सरकार को नहीं गिरा सकते।
गहलोत ने कहा, “उन्होंने मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक की सरकारें गिरा दीं, लेकिन राजस्थान में सरकार नहीं गिरा सके। राजस्थान भी खबरों में था, लेकिन भाजपा की दाल नहीं गली। इसका श्रेय यहां के लोगों को जाता है। ये लोग भाजपा से बदला लेंगे, जिन्होंने सरकार गिराने की कोशिश की।”
उन्होंने कहा, “गजेंद्र सिंह, धर्मेंद्र प्रधान और अमित शाह को इस योजना में शामिल किया गया था। यह ज्ञात नहीं है कि इसके लिए उन्हें प्रधानमंत्री का ‘आशीर्वाद’ प्राप्त था या नहीं।”
गहलोत ने कहा, “जब वे वोट मांगने आएंगे तो लोगों को याद आएगा कि ये वही लोग हैं, जो सरकार गिराकर राजस्थान का अपमान करने की कोशिश कर रहे थे। जनता यहां सरकार के काम और योजनाओं को देखकर वोट करेगी। ऐसी और इतनी कोई सरकारी योजनाएं कहीं नहीं चल रही हैं।”
उन्होंने कहा, “मैं प्रधानमंत्री से कहता हूं, आप यहां आकर प्रचार कर रहे हैं, कम से कम हमारी किसी योजना को राष्ट्रीय स्तर पर तो लागू करें। 25 लाख रुपये का बीमा, शहरी गारंटी रोजगार योजना कहीं नहीं है। आप हमारी योजनाओं को पूरे देश में लागू करें। इसके बाद राजस्थान आएं। प्रधानमंत्री प्रचार करेंगे और चले जाएंगे। अगर मोदी जी चुनाव के बाद नहीं आने वाले हैं, तो यह काम कौन करेगा, जनता को पूछना चाहिए।”