राष्ट्रव्यापी अभियान ‘प्रशासन गांव की ओर’ और पंजाब सरकार के ‘सुशासन सप्ताह’ (19-24 दिसंबर) के तहत जिला प्रशासनिक परिसर में अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर विकास (एडीसी-डी) लखविंदर सिंह रंधावा के नेतृत्व में एक कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यक्रम में डीडीएफ अदिति शर्मा और विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया।
एडीसी रंधावा ने ‘सुशासन सप्ताह’ के दौरान उप-मंडलों में विशेष शिविरों के माध्यम से सार्वजनिक शिकायतों को हल करने और सरकारी सेवाओं को कुशलतापूर्वक विस्तारित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने यह सुनिश्चित करने के महत्व पर प्रकाश डाला कि सतलुज नदी के साथ-साथ सीमावर्ती गांवों को शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ मिले।
उप जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. सतिंदर सिंह ने शिक्षा के क्षेत्र में उपलब्धियां साझा कीं, जिसमें बुनियादी ढांचे का विकास और मुफ्त शिक्षा पहल शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूल के छात्र शिक्षा और खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हैं, जिससे जिले की प्रतिष्ठा बढ़ती है।
जिला परिवार कल्याण अधिकारी डॉ. मनदीप कौर ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवा, टीकाकरण अभियान, डेंगू, मलेरिया, टीबी और पीलिया जैसी बीमारियों के नियंत्रण उपायों सहित किए गए प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने विभिन्न सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं के तहत हासिल किए गए लक्ष्यों पर भी चर्चा की।
महिला एवं बाल विकास तथा सेवा केन्द्र सहित अन्य विभागों ने वीडियो तथा पीपीटी प्रस्तुतियों के माध्यम से जन कल्याण तथा विकास कार्यों को प्रदर्शित किया। इनमें सुशासन सप्ताह के दौरान दी गई सेवाओं तथा भविष्य की रणनीतियों को शामिल किया गया।
कार्यशाला में शासन को मजबूत करने और सार्वजनिक सेवा वितरण में सुधार करने की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया गया, खासकर सीमावर्ती क्षेत्रों में। सचिव रेड क्रॉस अशोक बहल और जिला महामारी विशेषज्ञ डॉ. युवराज नारंग जैसे अधिकारियों ने भी कार्यक्रम में अपने विचार रखे।
इस पहल ने फिरोजपुर और उसके बाहर के निवासियों की भलाई और उत्तरदायी शासन सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न विभागों के सहयोगात्मक प्रयासों पर प्रकाश डाला।
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