नई दिल्ली, भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया दौरे पर पांच टेस्ट मैचों की सीरीज खेलेगी। दौरे का पहला टेस्ट मैच 22 नवंबर से पर्थ में खेला जाएगा। इस सीरीज को लेकर बयानबाजी का दौर जारी है। भारत के खिलाफ होने वाली इस सीरीज से पहले पैट कमिंस को लगता है कि कैमरून ग्रीन पर गेंदबाजी में अधिक कार्यभार रहेगा, क्योंकि ऑस्ट्रेलिया पहली पसंद के तेज गेंदबाजी आक्रमण को मैदान में उतारना चाहता है।
ऑस्ट्रेलियाई टेस्ट कप्तान पैट कमिंस को उम्मीद है कि इस साल के आखिर में होने वाली बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी टेस्ट सीरीज के दौरान ऑलराउंडर कैमरून ग्रीन और मिचेल मार्श गेंदबाजी का अधिक जिम्मा संभालेंगे।
पिछले सीजन पाकिस्तान, वेस्टइंडीज और न्यूजीलैंड के खिलाफ हुए सात टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया उसी तेज गेंदबाजी आक्रमण के साथ लगातार उतरा था। इनमें से कोई भी मैच पांचवें दिन तक नहीं गया और तीन ही पारियों में ऑस्ट्रेलिया को 78 ओवर से अधिक गेंदबाजी करनी पड़ी, जिससे कमिंस, मिचेल स्टार्क और जोश हेजलवुड तरोताजा रहे।
डेविड वॉर्नर के संन्यास के बाद वेस्टइंडीज के खिलाफ टीम में वापसी पर ग्रीन ने ऑस्ट्रेलिया को एक अतिरिक्त गेंदबाजी विकल्प दिया, लेकिन चार टेस्ट मैचों में केवल 42 ओवर ही किए।
कमिंस ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा, “ऑलराउंडरों का रहना बड़ी बात है। कई बार हमने उनका उस तरह इस्तेमाल नहीं किया, जैसा किया जाना था। मुझे लगता है कि आगामी मैचों में कुछ अलग प्रयोग हो सकते हैं। हम ग्रीन और मार्श के लिए रणनीति बना रहे हैं। खासतौर से ग्रीन के लिए, जिन्होंने अपने शील्ड क्रिकेट की शुरुआत गेंदबाज के तौर पर की थी। लेकिन, टेस्ट मैचों में अधिक गेंदबाजी नहीं की। अब वह थोड़ा अनुभवी हो चुका है, तो मुझे लगता है कि हम उस पर थोड़ा अधिक निर्भर होंगे।”
ग्रीन ने 35.31 की औसत से टेस्ट में 35 विकेट लिए हैं, वह टीम में इस साल नंबर चार पर खेले और वेलिंगटन में न्यूजीलैंड के खिलाफ नाबाद 174 रनों की पारी खेली। भारत के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया के शीर्ष छह को लेकर थोड़ा संशय है क्योंकि स्टीवन स्मिथ का ओपनिंग रोल कुछ महीनों से सवालों के घेरे में है। तब भी ग्रीन के मिचेल मार्श के साथ शीर्ष छह में रहने की उम्मीद है।