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सलाइवा से प्रतिबंध हटाने के लिए शमी की अपील के समर्थन में उतरे फिलेंडर

Philander comes out in support of Shami's appeal to lift the ban on saliva

 

दुबई, खेल में रिवर्स स्विंग की महत्ता को दोबारा वजूद में लाने के लिए मोहम्मद शमी ने आईसीसी से सलाइवा (लार) के उपयोग पर प्रतिबंध हटाने की अपील की है।

चैंपियंस ट्रॉफी के सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया पर चार विकेट से जीत के बाद शमी ने संवाददाताओं से कहा, “हम रिवर्स स्विंग प्राप्त करने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन गेंद पर सलाइवा के उपयोग की अनुमति नहीं है। हम लगातार यह अनुरोध कर रहे हैं कि हमें सलाइवा के उपयोग की अनुमति मिले ताकि खेल को और दिलचस्प बनाया जा सके।”

गेंद पर सलाइवा के उपयोग पर पहली बार प्रतिबंध कोरोना महामारी के दौरान मई 2020 में लगाया गया था। हालांकि तब यह प्रतिबंध अस्थाई था लेकिन सितंबर 2022 में आईसीसी ने इस पर स्थाई तौर पर प्रतिबंध लगा दिया।

शमी ने आईसीसी से अपने इस फ़ैसले पर दोबारा विचार करने की मांग की है और उनकी इस मांग का न्यूजीलैंड के टिम साउदी और दक्षिण अफ्रीका के वर्नोन फिलेंडर ने भी समर्थन किया है।

फिलेंडर के मुताबिक अगर सलाइवा के उपयोग की अनुमति होती तो इससे सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ खासकर पारी के दूसरे हाफ में दक्षिण अफ्रीका को मदद मिल सकती थी। न्यूजीलैंड ने पहली पारी में छह विकेट के नुकसान पर 362 रन बना लिए थे।

फिलेंडर ने कहा, “अग़र हम गेंद की स्थिति की बात करें तो वह पीछे की ओर घिसी हुई थी। तो मुझे लगता है कि अगर सलाइवा का इस्तेमाल किया गया होता (गेंद को चमकाने के लिए) तो रिवर्स स्विंग काम आ सकता था। यह निश्चित तौर पर काम आता है।”

उन्होंने कहा, ”मैं इसे खेल में दोबारा आता देखना चाहता हूं क्योंकि इसकी जरूरत है। वनडे क्रिकेट में खासतौर जहां हम बल्लेबाजों को हावी होता देखते हैं। विशेष तौर पर ऐसी सतहों पर जैसा कि हमने पाकिस्तान में देखा, जो कि बल्लेबाजों के लिए अनुकूल होती है।”

क्या पसीने के बजाय गेंद को चमकाने के लिए सलाइवा का उपयोग करने के अन्य लाभ हैं, इस पर फिलेंडर ने कहा, “जब हम दक्षिण अफ्रीका टीम के लिए खेलते थे तो गेंद को जहां तक संभव हो दोनों तरफ से सूखा रखने की कोशिश करते थे। क्योंकि जैसे ही पसीना चलना शुरू होता तो गेंद दोनों तरफ से गीला हो जाता है। हाथ पसीने से तर बतर हो जाते हैं खासतौर पर जब उमस भरी परिस्थिति में खेल हो रहा होता है।

गेंद को चमकाने के लिए सलाइवा सबसे बेहतर तरीका था इसलिए मैं इसे दोबारा खेल में लागू होते देखना चाहता हूं। जहां तक पसीने का सवाल है तो आप गेंद पर कितनी मात्रा में पसीने का इस्तेमाल करना चाहते हैं इसका निर्णय करना मुश्किल हो जाता है। खास तौर पर तब जब शरीर में पसीना काफी चल रहा हो।”

 

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