नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 129वीं जयंती पर मिदनापुर में “10 मील दौड़” का आयोजन किया गया। यह दौड़ इस वर्ष अपने 60वें साल में प्रवेश कर चुकी है। हर साल की तरह, यह दौड़ मिदनापुर कॉलेज-कॉलेजिएट स्कूल के मैदान में आयोजित की गई। इस दौड़ को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है।
इस बार की दौड़ में कुल 111 धावकों ने हिस्सा लिया, जिनमें महिलाएं भी शामिल थीं। इस दौड़ में केवल पश्चिम बंगाल से ही नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश, बिहार और अन्य पड़ोसी राज्यों से भी प्रतियोगी भाग लेने के लिए आए हैं।
यह आयोजन हर साल एक राष्ट्रीय उत्सव के रूप में मनाया जाता है।
बता दें कि 23 जनवरी यानी कि आज नेताजी की 123वीं जयंती है। इस खास मौके पर पूरा देश उन्हें याद कर रहा है। उनकी जयंती को हर साल ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर पीएम मोदी समेत तमाम दिग्गजों ने नेताजी को याद किया।
प्रधानमंत्री ने अपने सोशल मीडिया एक्स हैंडल पर नेताजी को नमन किया। उन्होंने कहा कि आज पराक्रम दिवस पर मैं नेताजी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनका योगदान अद्वितीय है। वे साहस और धैर्य के प्रतीक थे। उनका विजन हमें प्रेरित करता रहता है, क्योंकि हम उनके सपनों का भारत बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।
23 जनवरी, 1897 को कटक ओडिशा में जन्मे नेताजी सुभाष चंद्र बोस देशभक्ति और साहस के एक महान प्रतीक हैं। भारत की आजादी में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के अमूल्य योगदान को भारत सरकार ने 2021 में सम्मान दिया और उनकी जयंती को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाने का ऐलान किया। यह दिन उनकी विरासत का सम्मान करने और नागरिकों, विशेषकर युवाओं को उनकी बहादुरी और राष्ट्रीय गौरव का अनुकरण करने के लिए प्रोत्साहित करने का कार्य करता है।
पहला पराक्रम दिवस 2021 में कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल हॉल में मनाया गया, इसके बाद 2022 में इंडिया गेट पर नेताजी की एक होलोग्राफिक प्रतिमा का उद्घाटन किया गया था।