September 24, 2025
Punjab

लुधियाना की 13 फर्मों ने रंगला पंजाब फंड में 5.3 करोड़ रुपये दान किए

13 Ludhiana firms donate Rs 5.3 crore to Rangla Punjab Fund

राज्य सरकार पंजाबी उद्योगपतियों और अनिवासी भारतीयों से नवगठित रंगला पंजाब विकास कोष में उदारतापूर्वक योगदान देने के लिए संपर्क कर रही है, ताकि बाढ़ से तबाह राज्य के पुनर्निर्माण में मदद मिल सके।

लुधियाना के 13 उद्योगों के प्रतिनिधियों ने मंगलवार को यहां आकर मुख्यमंत्री भगवंत मान को इस कोष में योगदान के तौर पर 5.32 करोड़ रुपये के चेक सौंपे। इनमें से प्रत्येक ने 2.50 लाख रुपये से लेकर एक करोड़ रुपये तक का दान दिया।

उद्योग एवं प्रवासी भारतीय मामलों के मंत्री संजीव अरोड़ा ने इस कोष में 50 लाख रुपये का दान दिया। अरोड़ा ने कहा, “चूँकि इस कोष में दिया गया दान विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम के दायरे से बाहर है और इसमें कंपनियों के कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) खर्च का भी हिसाब रखा जाता है, इसलिए मैं प्रवासी भारतीयों और कॉर्पोरेट जगत से उदारतापूर्वक दान करने का अनुरोध करता हूँ।”

उन्होंने बताया कि बाढ़ के कारण 8,500 किलोमीटर सड़कें और 2,500 पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं। उन्होंने बताया कि लगभग 2,500 गाँव बुरी तरह प्रभावित हुए हैं, जबकि 3,200 स्कूलों, 1,400 जन स्वास्थ्य सुविधाओं और अन्य सरकारी विभागों की इमारतों को भी नुकसान पहुँचा है।

इस कोष में धन दान करने वालों में नाहर इंडस्ट्रीज, हैप्पी फोर्जिंग्स, सीगल इंडिया, ऑक्टेव अपैरल्स, वर्धमान स्पिनिंग मिल्स, ट्राइडेंट ग्रुप, जीबी रियल्टी ग्रुप, बेक्टर फूड्स, अरी सुडाना स्पिनिंग मिल्स, रॉकमैन फाउंडेशन, चैंबर ऑफ इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल अंडरटेकिंग्स और राल्सन ग्रुप शामिल थे।

राजस्व, पुनर्वास एवं आपदा प्रबंधन मंत्री हरदीप सिंह मुंडियन ने आज बताया कि सभी राहत शिविर बंद कर दिए गए हैं, क्योंकि बाढ़ प्रभावित लोग अपने घरों को चले गए हैं।

मंत्री ने बताया कि पंजाब भर में कुल 219 राहत शिविर स्थापित किए गए, जिनमें समय-समय पर 8,270 लोगों को रखा गया। हालात सुधरने के साथ, संख्या में कमी आती गई और आज एक भी शिविर सक्रिय नहीं है, जिससे सभी विस्थापित परिवार अपने गाँवों और घरों को पूरी तरह लौट आए हैं।

मुंडियन ने बताया कि 1 अगस्त से अब तक 23,340 लोगों को संवेदनशील और जलमग्न इलाकों से सुरक्षित निकाला जा चुका है। उन्होंने आगे बताया कि प्रशासन ने राहत शिविरों में अस्थायी आश्रय, भोजन, दवाइयाँ और आवश्यक सेवाएँ उपलब्ध कराई हैं। उन्होंने बताया कि अधिकारियों ने मलबा हटाने, शवों के निपटान, सीवर की सफाई और क्षतिग्रस्त सार्वजनिक संपत्तियों की मरम्मत सहित स्वच्छता संबंधी उपाय भी सुनिश्चित किए हैं।

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