January 26, 2025
National

15वां राष्ट्रीय मतदाता दिवस : राष्ट्रपति मुर्मू बोलीं ‘हमारे लोकतंत्र का ये एक महत्वपूर्ण उत्सव’

15th National Voters’ Day: President Murmu said, ‘This is an important celebration of our democracy’

देश आज राष्ट्रीय मतदाता दिवस मना रहा है। इस मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लोकसभा और विधानसभा चुनावों को सकुशल संपन्न कराने वाले कुछ चुनाव अधिकारियों और कर्मचारियों को सम्मानित भी किया। राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में देशवासियों को लोकतंत्र के इस अहम दिवस की शुभकामनाएं दीं।

राष्ट्रपति ने 100 करोड़ मतदाताओं को संबोधित किया। बोलीं, “पंद्रहवें राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर मैं देश के लगभग 100 करोड़ मतदाताओं को बधाई देती हूं। आज के सभी पुरस्कार विजेताओं को मैं विशेष बधाई देती हूं। निर्वाचन प्रक्रिया के विभिन्न आयामों में योगदान देने वाले सरकारी और निजी संस्थान प्रशंसा और पुरस्कार के योग्य तो हैं ही, वे चुनाव प्रक्रिया से जुड़े अन्य व्यक्तियों और संस्थानों के लिए अनुकरणीय उदाहरण भी प्रस्तुत करते हैं।”

राष्ट्रपति ने बताया कि निर्वाचन आयोग के चुनाव प्रबंधन को भी सराहा। कहा, “25 जनवरी को ही निर्वाचन आयोग का स्थापना दिवस भी है। निर्वाचन आयोग ने हमारे लोकतांत्रिक गणराज्य की सेवा के 75 वर्ष पूरे कर लिए हैं। इस दौरान, निर्वाचन आयोग ने 18 लोकसभा चुनाव एवं 400 से अधिक विधानसभा चुनाव सफलतापूर्वक सम्पन्न कराए हैं। इन चुनावों में निष्पक्ष और समावेशी चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए सभी देशवासियों और मतदाताओं की ओर से मैं वर्तमान और पूर्ववर्ती निर्वाचन आयुक्तों, कर्मचारियों तथा इलेक्शन मशीनरी से जुड़े सभी लोगों की सराहना करती हूं।”

मुर्मू ने संविधान निर्माताओं के अभूतपूर्व योगदान को भी याद किया। कहा, “हमारे संविधान निर्माताओं ने संविधान के निर्माण तथा उसे लागू करने की प्रक्रिया में निर्वाचन आयोग तथा चुनाव प्रणाली को सर्वोच्च प्राथमिकता दी थी। 26 नवंबर 1949 के दिन संविधान को अंगीकृत किया गया था। संविधान के कुछ विशेष अनुच्छेद उसी दिन से लागू कर दिए गए थे। उन थोड़े से अनुच्छेदों में निर्वाचन आयोग के निर्देशन और नियंत्रण में होने वाली चुनाव प्रक्रिया से जुड़ा अनुच्छेद 324 भी है। प्रथम गणतंत्र दिवस के एक दिन पहले निर्वाचन आयोग का गठन होना भी राष्ट्र निर्माताओं द्वारा चुनाव प्रक्रिया तथा निर्वाचन आयोग के महत्व को रेखांकित करता है।”

राष्ट्रपति ने आगे कहा, “संविधान को अंगीकृत करने के एक दिन पहले, यानी 25 नवंबर 1949 के दिन, बाबासाहेब आंबेडकर ने, संविधान सभा में दिए गए अपने ऐतिहासिक संबोधन में, इस बात को विस्तार के साथ समझाया था कि भारत में लोकतांत्रिक प्रक्रिया प्राचीन काल से ही विद्यमान थी। अनेक ऐतिहासिक साक्ष्यों के आधार पर यह कहा जा सकता है कि भारत-माता लोकतंत्र की जननी है। हम सभी देशवासियों के लिए यह गर्व की बात है कि हमारा लोकतंत्र विश्व का प्राचीनतम लोकतंत्र होने के साथ-साथ विश्व का सबसे विशाल, विविधतापूर्ण, युवा, समावेशी और संवेदनशील लोकतंत्र भी है। आधुनिक विश्व के लिए भारत का लोकतंत्र एक अनोखा उदाहरण है। हमारी चुनाव प्रणाली तथा प्रबंधन से विश्व के अनेक देश सीख ले रहे हैं।”

राष्ट्रपति ने देश को बताया कि क्यों देश की निर्वाचन प्रक्रिया अद्भुत है। बोलीं, “निर्वाचन आयोग के प्रबंधन, मतदाताओं की भागीदारी, सुरक्षाकर्मियों तथा इलेक्शन मशीनरी में सहयोग देने वाले नागरिकों के बल पर भारतीय लोकतंत्र द्वारा जिस विशाल पैमाने पर चुनाव आयोजित किए जाते हैं वह पूरे विश्व में अतुलनीय है। वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव को सम्पन्न कराने में पूरे देश में 10 लाख से अधिक मतदान केंद्रों पर सुरक्षाकर्मियों, मतदान अधिकारियों तथा कर्मचारियों सहित लगभग डेढ़ करोड़ लोगों ने सक्रिय भागीदारी निभाई। इस चुनाव में लगभग 65 करोड़ मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है। इस संख्या की विशालता का अनुमान इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि यूरोपीय संघ के 27 देशों की कुल आबादी लगभग 44 करोड़ है।”

मुर्मू ने आगे कहा, “हमारे समावेशी लोकतंत्र की प्रभावशाली झलक चुनावों में देखने को मिलती है। पिछले तीन लोकसभा चुनावों में लगातार 66 प्रतिशत से अधिक मतदान के लिए मैं निर्वाचन आयोग और मतदाताओं को बधाई देती हूं। इन चुनावों में महिलाओं की बढ़ती हुई भागीदारी हमारे समाज और देश के समग्र विकास का महत्वपूर्ण संकेत है। मुझे यह जानकर बहुत प्रसन्नता हुई है कि निर्वाचन आयोग ने 85 वर्ष से अधिक आयु के वयोवृद्ध मतदाताओं, दिव्यांग मतदाताओं तथा सुदूर क्षेत्रों में बसे जनजातीय मतदाताओं के लिए मतदान प्रक्रिया को सुगम बनाने हेतु विशेष प्रयास किए हैं। इस प्रकार, निर्वाचन आयोग ने समावेशी और संवेदनशील चुनाव प्रबंधन का अच्छा उदाहरण प्रस्तुत किया है। चुनाव प्रक्रिया और प्रबंधन को और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा आधुनिक टेक्नोलॉजी, सॉफ्टवेयर, एप्लीकेशन और पद्धतियों के उपयोग की मैं सराहना करती हूं।”

अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने इलेक्टर्स फोटो आइडेंटिटी कार्ड प्राप्त करने वाले युवा मतदाताओं को बधाई दी। उन्हें समझाया कि इसके साथ उनकी जिम्मेदारियां भी बढ़ जाती हैं।

राष्ट्रपति ने इस दिवस का उद्देश्य भी बताया। बोलीं, “नेशनल वोटर्स डे हमारे लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण उत्सव है। मतदान से जुड़े अधिकार और कर्तव्य के बारे में जागरूकता बढ़ाना आज के इस आयोजन का प्रमुख उद्देश्य है। मुझे बताया गया है कि जिला और राज्य स्तर पर भी इस दिवस से जुड़े आयोजन किए जा रहे हैं। लोकतंत्र के इस उत्सव में प्रशासन और जनता की भागीदारी बढ़ाने के इस प्रयास के लिए मैं निर्वाचन आयोग को साधुवाद देती हूं।

मेरा मानना है कि मतदान से जुड़े आदर्श और जिम्मेदारियां हमारे लोकतंत्र के प्रमुख आयाम हैं। निर्वाचन आयोग द्वारा जारी की गई वोटर्स प्रतिज्ञा से सभी नागरिकों का मार्गदर्शन हो सकता है। मैं चाहूंगी कि मतदाताओं द्वारा ली जाने वाली शपथ का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार हो। मतदाताओं में लोकतंत्र के प्रति पूर्ण आस्था के साथ-साथ यह दृढ़-संकल्प भी होना चाहिए कि वे हर प्रकार की संकीर्णता, भेदभाव तथा प्रलोभन से ऊपर उठकर अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। प्रबुद्ध मतदाता हमारे लोकतंत्र को मजबूत बनाते हैं।

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