August 10, 2025
Himachal

2,123 क्विंटल गेहूं की खरीद, किसानों को 1.27 करोड़ रुपये हस्तांतरित

2,123 quintals of wheat purchased, Rs 1.27 crore transferred to farmers

कृषि विभाग ने इस वर्ष 838 किसानों से 60 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से 2,123 क्विंटल गेहूं खरीदा है और प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से उनके बैंक खातों में 1.27 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए हैं। इसके अलावा, गेहूं के परिवहन पर 4.15 लाख रुपये की माल ढुलाई सब्सिडी भी प्रदान की गई है। पिछले सीजन में विभाग ने 10 जिलों के 1,509 किसानों से 399 मीट्रिक टन प्राकृतिक रूप से उगाया गया मक्का खरीदा था और उनके बैंक खातों में 1.40 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए थे।

एक सरकारी प्रवक्ता ने आज यहाँ बताया कि राज्य सरकार ने ग्रामीण आबादी की आजीविका में सुधार और उनकी आर्थिकी को सुदृढ़ करने के लिए विभिन्न योजनाएँ शुरू की हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा प्रदान किए जा रहे लाभों, जिनमें गेहूँ, मक्का और दूध आदि के लिए उच्च न्यूनतम समर्थन मूल्य शामिल हैं, के कारण किसान बड़े पैमाने पर प्राकृतिक खेती को अपना रहे हैं।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने छह ज़िलों के किसानों से 90 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से 1.14 करोड़ रुपये में 127 मीट्रिक टन प्राकृतिक रूप से उगाई गई कच्ची हल्दी भी खरीदी है। उन्होंने बताया कि चंबा ज़िले के पांगी को प्राकृतिक कृषि प्रभाग घोषित किया गया है और सरकार सितंबर के अंतिम सप्ताह से किसानों से 60 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से 40 मीट्रिक टन प्राकृतिक रूप से उगाई गई हल्दी खरीदेगी।

उन्होंने कहा कि सरकार ने प्राकृतिक रूप से उगाई गई फसलों से बने उत्पादों को ‘हिम-भोग’ ब्रांड के तहत बाजारों में बेचा है, जो दिन-प्रतिदिन लोकप्रिय हो रहे हैं और उपभोक्ता रसायन मुक्त उत्पादों को खरीदने के लिए आगे आ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु राज्य सरकार उन्हें प्रशिक्षण प्रदान कर रही है ताकि वे अपने खेतों में ऐसी फसलें उगा सकें। उन्होंने कहा कि अब तक राज्य में 3.06 लाख किसानों को प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है।

प्रवक्ता ने बताया कि राज्य में 3,584 ग्राम पंचायतों में 38,437 हेक्टेयर भूमि को प्राकृतिक खेती के अंतर्गत लाया गया है तथा 222,893 से अधिक किसान विभिन्न फसलें उगा रहे हैं।

राज्य सरकार ने उपभोक्ताओं को रसायन-मुक्त उत्पादों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए एक लाख और किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने बताया कि अब तक 88 विकास खंडों के 59,068 किसानों और बागवानों ने पंजीकरण फॉर्म भर दिए हैं।

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