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केदारनाथ के 25 क्षतिग्रस्त मार्गों को किया गया दुरुस्त, जल्द सुचारू होगा पैदल मार्ग

25 damaged roads of Kedarnath have been repaired, the walking path will be smooth soon

देहरादून, 13 अगस्त । उत्तराखंड में बीते कई दिनों से प्रकृति का कहर जारी है। भारी बारिश के चलते नदी और नाले उफान पर हैं। पिछले दिनों भूस्खलन के चलते केदारनाथ मार्ग कई जगह अवरुद्ध हुआ है। अब केदारनाथ पैदल मार्ग जल्द सुचारू होने की संभावना है।

इसकी जानकारी आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने मंगलवार को दी। उन्होंने बताया कि केदारनाथ रास्ते पर 29 मार्ग क्षतिग्रस्त हुए थे। उनमें से 25 मार्गों को दुरुस्त कर लिया गया है। एक से दो मीटर का रास्ता पैदल यात्रियों के लिए खोल दिया गया है। जहां पर ज्यादा सड़कें क्षतिग्रस्त हुई थी, वहां पर निर्माण कार्य चल रहा है। इसके लिए 300 से ज्यादा लोग काम कर रहे हैं। चार धाम यात्रा में तीन मार्ग खुले हुए हैं। सोनप्रयाग से गौरीकुंड मार्ग को भी खोल दिया गया है। भूस्खलन के कारण कई सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं, जिनमें तीन रास्तों को ठीक करना है। इसलिए, अभी पैदल यात्रा शुरू नहीं की गई है।

उन्होंने बताया कि रविवार को भी भूस्खलन हुआ था, जिसके कारण कई मार्ग क्षतिग्रस्त हुए हैं। जिसे ठीक करने का प्रयास किया जा रहा है। मार्ग दुरुस्त होते ही पैदल यात्रा सुचारू रूप से शुरू की जाएगी। एक रास्ता कालीमठ समासी से होते हुए लिंचोली तक जाता है। भूस्खलन के बाद वहां फंसे 500 लोगों को निकाला गया। वो रास्ता थोड़ा कठिन है, अगर कोई व्यक्ति स्वस्थ नहीं है तो उसे थोड़ी समस्या का सामना करना पड़ता है। उसे ठीक करने का काम किया जाएगा। अभी स्थिति सामान्य है।

बता दें कि उत्तराखंड में भारी बारिश के चलते मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है। मंगलवार को भी मौसम खराब रहने का अनुमान जताया गया है। खासकर उत्तरकाशी, चमोली, और बागेश्वर जिलों में, जहां के लिए मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया है। यहां पर मूसलाधार बारिश होने की संभावना जताई गई है।

वहीं, रुद्रप्रयाग, टिहरी, पौड़ी, हरिद्वार और नैनीताल जिलों में भी भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। मौसम विभाग के अनुसार 14 से 18 अगस्त तक उत्तराखंड में मौसम खराब रहेगा। इस दौरान राज्य के अधिकांश हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना जताई गई है। जिला प्रशासन को इन क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरतने और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं।

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