संभल, 22 दिसंबर । उत्तर प्रदेश के संभल जिले में चंदौसी में शनिवार को राजस्व विभाग ने एक जमीन की खुदाई की। उस दौरान एक विशालकाय बावड़ी के बारे में खुलासा हुआ।
250 फीट गहरी बावड़ी के मिलने से इलाके में हलचल मच गई है। बावड़ी के बारे में यह कहा जा रहा है कि यह बहुत पुरानी हो सकती है और इसमें ऐतिहासिक महत्व हो सकता है।
बताया जा रहा है कि चंदौसी के लक्ष्मणगंज इलाके में 1857 से पहले हिंदू बाहुल्य था। यहां सैनी समाज के लोग रहते थे लेकिन वर्तमान में यहां मुस्लिम समुदाय की जनसंख्या अधिक है।
जिलाधिकारी राजेंद्र पेसियां ने बताया कि खतौनी के अंदर पॉइंट 040 अर्थात 400 वर्ग मीटर क्षेत्र है। वह बावली तालाब के रूप में यहां दर्ज है। स्थानीय लोग बताते है कि बिलारी के राजा के नाना के समय बावड़ी बनी थी। इसका सेकंड और थर्ड फ्लोर मार्बल से बना है। ऊपर का तल ईटों से बना हुआ है। इसमें एक कूप भी है और लगभग चार कक्ष भी बने हुए हैं। धीरे धीरे मिट्टी निकाल रहे हैं ताकि इसकी संरचना को किसी भी प्रकार की कोई हानि न हो। वर्तमान में इसका 210 वर्ग मीटर एरिया ही लग रहा है, शेष क्षेत्रफल कब्जे में है। कम से कम सवा सौ से डेढ़ सौ वर्ष पुरानी बावड़ी हो सकती है।
दरअसल संभल में 46 साल पुराने मंदिर मिलने के बाद डीएम को एक शिकायत पत्र दिया गया था, शिकायत पत्र में यह दावा किया गया था कि लक्ष्मणगंज में पहले बिलारी की रानी की बावड़ी थी।
संभल जिले के लक्ष्मणगंज इलाके में बिलारी की रानी की बावड़ी से संबंधित शिकायत के बाद जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) ने मामले की जांच के आदेश दिए। जिसके बाद शनिवार को राजस्व विभाग से नायब तहसीलदार धीरेन्द्र सिंह इलाके के नक्शे के साथ वहां पहुंचे थे। खुदाई के दौरान जमीन से एक प्राचीन इमारत के अवशेष निकलने लगे। यह अवशेष काफी पुरानी संरचनाओं के होने के संकेत दे रहे थे, जो स्थानीय इतिहास और संस्कृति के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं।