राज्य के शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने राज्य के 30 प्रतिशत निजी स्कूलों को चेतावनी दी है कि यदि वे शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) को अक्षरशः लागू करने में विफल रहे तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मंगलवार रात समीक्षा बैठक में ढांडा ने कहा कि आरटीई अधिनियम के तहत हरियाणा के सभी मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों के लिए कक्षा एक में 25 प्रतिशत सीटें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए आरक्षित रखना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि अब तक 70 प्रतिशत निजी स्कूलों ने उज्ज्वल पोर्टल के माध्यम से सीटें आवंटित कर दी हैं।
हालांकि, उन्होंने चेतावनी दी कि अगर शेष 30 प्रतिशत स्कूल जल्द ही निर्देशों का पालन करने में विफल रहते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मंत्री ने शिक्षा अधिकारियों को नियम का पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है, साथ ही कहा कि नियमों का पालन न करने पर स्कूल की मान्यता रद्द की जा सकती है।
ढांडा ने बताया कि हरियाणा स्कूल शिक्षा नियम, 2003 के नियम 158(6) के तहत राज्य में कोई भी मान्यता प्राप्त स्कूल छात्रों या उनके अभिभावकों को किसी खास दुकान से किताबें, स्टेशनरी या यूनिफॉर्म खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकता। उन्होंने बताया कि 30 अप्रैल, 2024 तक सरकारी स्कूलों में कक्षा पांच में 2,07,685 छात्र नामांकित थे, जबकि इस साल 15 अप्रैल तक 2,04,163 छात्रों को दाखिला मिल चुका है। उन्होंने भरोसा जताया कि 30 अप्रैल तक दाखिलों की संख्या पिछले साल के आंकड़े को पार कर जाएगी।
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