महाकुंभ नगर, 15 जनवरी । भारत में गौहत्या के कलंक को मिटाने और गौ माता को राष्ट्रमाता घोषित करने के उद्देश्य से महाकुंभ नगर में, 15 जनवरी से 12 फरवरी तक 324 कुण्डीय पञ्चायतन श्री गो-प्रतिष्ठा महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है।
यह यज्ञ परमधर्माधीश और उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर, जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामिश्री अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती ‘1008’ द्वारा आयोजित किया जा रहा है। इस महायज्ञ में 1,000 ब्राह्मणों द्वारा यज्ञ अनुष्ठान किया जाएगा। ज्ञ में गायों की विभिन्न प्रजातियों के शुद्ध घी का उपयोग किया जाएगा, जिससे गौ माता की प्रतिष्ठा को पुनः स्थापित किया जा सके।
स्वामिश्री ने कहा कि गौ माता की जो प्रतिष्ठा पहले थी, वह आज के समय में फिर से स्थापित होनी चाहिए। उनका उद्देश्य यह है कि गौ माता को सम्मान का दर्जा मिले और गौहत्या को दंडनीय अपराध घोषित किया जाए। इसके साथ ही, स्वामिश्री ने राजनेताओं से अपील की कि वे गौ माता की रक्षा के लिए संकल्प लें और इस यज्ञशाला की परिक्रमा करें। उन्होंने यह भी कहा कि तब ही हम मानेंगे कि राजनेता गौ माता के प्रति गंभीर हैं।
यह महायज्ञ धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है और इससे जुड़े सभी लोग गौ माता की प्रतिष्ठा के लिए समर्पित हैं।
ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि यह एक धार्मिक अनुष्ठान के रूप में हो रहा है, जिसमें अग्नि का स्थापन किया जाएगा। इसका उद्देश्य यह है कि देश में जो हिंसा और पशुहत्या की समस्या है, उसे समाप्त किया जाए और मांसाहार को अपराध घोषित किया जाए।
उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि हमारे देश के नेता जो खुद को बड़े हिंदू हितैषी कहते हैं, वे इस आयोजन में शामिल हो कर यह घोषणा करें कि देश में मांसाहार पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। अगर ऐसा होता है तो हम मानेंगे कि वे सच में हिंदू धर्म और उसके हितों की रक्षा करने वाले नेता हैं। अगर वे ऐसा नहीं करते तो यह केवल दिखावा ही रहेगा।
उन्होंने आगे कहा कि इस आयोजन के साथ कुंभ मेला भी चल रहा है, जिसमें लाखों लोग स्नान करने के लिए आए हैं। हालांकि, कुछ व्यवस्थाओं में समस्याएं देखी जा रही हैं, जिन पर सुधार की आवश्यकता है।
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