प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने 14 जिलों में चल रहे 369 सरकारी स्कूलों को तीन दिन के भीतर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है कि उन्होंने 28 नवंबर को मिड-डे मील का डाटा सरकारी पोर्टल पर अपलोड क्यों नहीं किया।
मिड-डे मील से जुड़ी रिपोर्ट को हर दिन ऑटोमेटिक मॉनिटरिंग सिस्टम (AMS) पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य है। एक अधिकारी ने बताया कि रिपोर्ट में स्कूल के मिड-डे मील इंचार्ज बताते हैं कि किस दिन कितने बच्चों को खाना परोसा गया।
सूत्रों ने दावा किया कि रेवाड़ी के 46, अंबाला के 11, भिवानी के 16, चरखी दादरी के 28, फतेहाबाद के 83, झज्जर व गुरुग्राम के 18-18, करनाल के 24, कुरुक्षेत्र के 35, महेंद्रगढ़ के 59, मेवात के पांच, सिरसा के तीन, सोनीपत के 17 तथा यमुनानगर जिले के छह सरकारी स्कूलों ने 28 नवंबर को सरकारी पोर्टल पर अपने-अपने संस्थानों में परोसे जाने वाले मिड-डे मील की रिपोर्ट अपलोड नहीं की।
हाल ही में महानिदेशक, प्रारंभिक शिक्षा के कार्यालय से डीईईओ को भेजे गए पत्र में कहा गया है, “जिला प्रारंभिक शिक्षा अधिकारियों (डीईईओ) को कई बार निर्देश दिए गए हैं कि कक्षा एक से आठ तक के विद्यार्थियों को ताजा मिड-डे मील परोसने की दैनिक रिपोर्ट अनिवार्य रूप से पोर्टल पर अपलोड की जाए। निर्देश के बावजूद, कई जिलों में पोर्टल पर शत-प्रतिशत रिपोर्ट अपलोड नहीं की जा रही है।”
पत्र में कहा गया है कि 28 नवंबर को फरीदाबाद, हिसार, जींद, कैथल, पलवल, पंचकूला, पानीपत और रोहतक जिलों के स्कूलों द्वारा मध्याह्न भोजन का शत-प्रतिशत डेटा अपडेट किया गया। पत्र में आगे कहा गया है कि 14 जिलों के 369 स्कूलों की रिपोर्ट पोर्टल पर अपलोड नहीं की गई, जो दर्शाता है कि 28 नवंबर को स्कूलों में छात्रों को भोजन नहीं परोसा गया।
रेवाड़ी डीईईओ कपिल पुनिया ने कहा कि संबंधित स्कूलों के मिड-डे मील इंचार्ज को स्पष्टीकरण देने को कहा गया है कि उन्होंने 28 नवंबर को पोर्टल पर डाटा अपलोड क्यों नहीं किया। मिड-डे मील के जिला कार्यक्रम कार्यकारी अली मोहम्मद ने कहा कि प्रोसेसिंग में कुछ तकनीकी दिक्कतों के कारण 28 नवंबर को पोर्टल पर डाटा अपलोड नहीं किया जा सका।
Leave feedback about this