महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) के कुलपति प्रोफेसर राजबीर सिंह ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि विश्वविद्यालय में स्वीकृत 408 शिक्षकों के पदों में से 54 प्रतिशत पद खाली हैं। उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार ने शिक्षकों की नियुक्ति रोक दी है।
कुलपति ने कहा, “ये 408 पद भी 25 साल से भी पहले स्वीकृत किए गए थे। अब तक, शिक्षकों की आवश्यकता बढ़ गई है और कई संकाय सदस्य सेवानिवृत्त हो चुके हैं। हम राज्यपाल और अन्य राज्य अधिकारियों के समक्ष इस मामले को उठा रहे हैं और उनसे रिक्त पदों को भरने का अनुरोध कर रहे हैं।”
उन्होंने यह भी घोषणा की कि विश्वविद्यालय ने अकादमिक परिषद की 204वीं बैठक में रिकॉर्ड 195 पीएचडी शोधकर्ताओं के पंजीकरण को मंजूरी दी है, जिसने दूरस्थ और ऑनलाइन शिक्षा केंद्र (सीडीओई) और विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संस्थान (यूआईईटी) सहित सभी अध्ययन कार्यक्रमों और विभागों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)-2020 के कार्यान्वयन को भी मंजूरी दे दी है।
प्रोफेसर सिंह ने कहा, ‘‘इसके साथ ही एमडीयू राज्य का पहला विश्वविद्यालय बन गया है जिसने सभी पाठ्यक्रमों और शिक्षण विभागों में एनईपी-2020 को लागू किया है।’’
बैठक में शैक्षणिक सहयोग और कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए छह समझौता ज्ञापनों को भी मंजूरी दी गई। इनमें रुहिल फ्यूचर टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के साथ नवाचार एवं उद्यमिता; सीएसआर बॉक्स फाउंडेशन के साथ रोजगारोन्मुखी कौशल; नैसकॉम/आईटी-आईटीईएस सेक्टर स्किल्स काउंसिल के साथ उभरती प्रौद्योगिकियों में प्रशिक्षण; क्लासिक गोल्फ एंड कंट्री क्लब के साथ होटल एवं पर्यटन प्रबंधन; और भारत सरकार के अप्रेंटिसशिप एवं प्रशिक्षण बोर्ड के साथ सहयोग शामिल हैं।
परिषद ने विभिन्न विषयों में आईकेएस से संबंधित पाठ्यक्रम विकसित करने और उनकी निगरानी के लिए एक भारतीय ज्ञान प्रणाली (आईकेएस) केंद्र स्थापित करने का भी निर्णय लिया।