टोक्यो, जापान में शुक्रवार को 6.7 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसके बाद जापान की मौसम एजेंसी ने आओमोरी प्रांत में आए भूकंप के बाद उत्तरी जापान के प्रशांत तट के लिए सुनामी का अलर्ट जारी कर दिया।
जापान मौसम विज्ञान एजेंसी (जेएमए) के अनुसार, भूकंप स्थानीय समयानुसार सुबह 11:44 बजे आओमोरी के पैसिफिक कोस्ट पर 20 किलोमीटर की गहराई में आया। इसकी तीव्रता जापान के 7 के सीस्मिक स्केल पर सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में 4 मापी गई।
जेएमए ने भूकंप की तीव्रता को 6.5 से बढ़ाकर 6.7 बताया। वहीं, पैसिफिक कोस्ट के होक्काइडो, आओमोरी, इवाते और मियागी इलाकों के लिए सुनामी की एडवाइजरी जारी की। एडवाइजरी के अनुसार सुनामी की लहरें एक मीटर तक ऊंची उठने का पूर्वानुमान है। भूकंप का सेंटर 40.9 डिग्री नॉर्थ लैटिट्यूड और 143.0 डिग्री ईस्ट लॉन्गिट्यूड पर था।
सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार देर रात, इसी इलाके में आओमोरी के कुछ हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसकी तीव्रता जापान के 7 सिस्मिक स्केल पर 6 से ऊपर थी। इसके बाद जेएमए ने इवाते प्रीफेक्चर (जापान के प्रांत), होक्काइडो और आओमोरी के कुछ हिस्सों के लिए सुनामी की चेतावनी जारी की।
न्यूक्लियर रेगुलेशन अथॉरिटी ने शुक्रवार को कहा कि इलाके की न्यूक्लियर फैसिलिटी में किसी गड़बड़ी का कोई संकेत नहीं है। सोमवार को आए भूकंप के बाद, जेएमए ने एक खास एडवाइजरी जारी की थी, जिसमें पहले ही चेतावनी दी गई थी कि अगले हफ्ते भी ऐसा ही या उससे अधिक तीव्रता का भूकंप आ सकता है।
यह एडवाइजरी जापान के मुख्य द्वीप होंशू के उत्तर-पूर्वी सिरे पर स्थित सैनरिकु इलाके और प्रशांत महासागर के सामने वाले उत्तरी द्वीप होक्काइडो को लेकर जारी की गई थी। 2011 में इसी इलाके में समुद्र के नीचे 9.0 तीव्रता का भयावह भूकंप आया था, जिसके बाद सुनामी ने भीषण तबाही मचाई थी। इस भूकंप ने ना केवल जापान के लोगों को दहलाया था, बल्कि पूरी दुनिया सकते में आ गई थी। भूकंप के बाद आई सुनामी में लगभग 18,500 लोग मारे या लापता हो गए थे।
जापान, पैसिफिक रिंग ऑफ फायर के पश्चिमी किनारे पर चार बड़ी टेक्टोनिक प्लेट्स के ऊपर है। यही कारण है कि जापान दुनिया के सबसे ज्यादा भूकंप वाले देशों में से एक है। यह आइलैंड समूह, जहां लगभग 125 मिलियन लोग रहते हैं, हर साल लगभग 1,500 झटके महसूस करता है।

