राज्य में किसानों की वित्तीय स्थिति में सुधार लाने के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 60 रुपये प्रति किलोग्राम पर जिला 7.8 मीट्रिक टन (एमटी) गेहूं की खरीद करेगा।
यह बात आज बिलासपुर में उपायुक्त राहुल कुमार ने कही। उन्होंने कहा कि सरकार ने प्राकृतिक रूप से उत्पादित गेहूं को 60 रुपये प्रति किलो की दर से खरीदने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि यह खरीद हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के सहयोग से कृषि विभाग की एटीएमए परियोजना द्वारा की जाएगी। उन्होंने कहा कि घुमारवीं और बिलासपुर में स्थापित गेहूं खरीद केंद्रों पर गेहूं की खरीद शुरू हो गई है।
उपायुक्त ने बिलासपुर में गेहूं खरीद केंद्र का दौरा कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया और वहां मौजूद किसानों से बातचीत की। उपायुक्त ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है।
उन्होंने बताया कि जिले में 8,000 से अधिक किसानों ने प्राकृतिक खेती को अपनाया है। इनमें से 4,800 किसान केंद्र सरकार के स्टार पोर्टल पर पंजीकृत हैं और प्राकृतिक खेती के मानकों का पूरी तरह से पालन करते हैं। उन्होंने बताया कि इस साल 100 किसानों ने प्राकृतिक रूप से उगाए गए अपने गेहूं को बेचने के लिए पंजीकरण कराया है।
हमीरपुर में एटीएमए परियोजना के तहत 39 क्विंटल से अधिक गेहूं की खरीद की गई है। डिप्टी कमिश्नर की सहायक आयुक्त अपराजिता चंदेल ने बताया कि खरीद 25 मई तक जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि किसानों को भुगतान ऑनलाइन मोड के माध्यम से किया जाएगा – सीधे किसानों के खातों में। उन्होंने कहा कि गेहूं के अलावा, किसान अपनी ताजा हल्दी भी विभाग को 90 रुपये प्रति किलोग्राम पर बेच सकते हैं।
अपराजिता ने बताया कि जिले में 20,000 से अधिक किसान प्राकृतिक खेती कार्यक्रम से जुड़े हैं, जिसमें 3,000 हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि शामिल है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती कम लागत वाली और अधिक लाभकारी कृषि पद्धति है और इससे जिले के किसान अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार कर रहे हैं।
एटीएमए के परियोजना निदेशक डॉ. नितिन कुमार ने कहा कि इच्छुक किसान अपनी उपज कस्बे के निकट पक्का भरो स्थित एचपीएफसीएससी के स्टोर में ला सकते हैं।
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