कैथल पुलिस ने बरटा गांव के दो किशोरों की दोहरी हत्या के मामले में सात किशोरों को हिरासत में लिया है। पुलिस मामले में अन्य लोगों की संलिप्तता की भी जांच कर रही है। हिरासत में लिए गए नाबालिगों को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें किशोर सुधार गृह भेज दिया गया है।
सभी नाबालिगों की उम्र 15 से 16 साल के बीच है। प्रारंभिक जांच के आधार पर पुलिस का मानना है कि अपराध के पीछे की वजह पीड़ितों द्वारा दो नाबालिगों की बहनों को कथित तौर पर परेशान करने का प्रतिशोध था।
कैथल के डीएसपी (मुख्यालय) बीर भान ने बताया कि अरमान (16) और प्रिंस (14) के शव सोमवार सुबह एक नाले के पास मिले।
प्रिंस के पिता रोहताश की शिकायत पर धारा 190, 191(3), 103, 61(2) और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस अधीक्षक आस्था मोदी ने घटनास्थल का दौरा किया और अधिकारियों को गहन जांच सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
रोहताश ने आरोप लगाया कि उनका बेटा प्रिंस और भतीजा अरमान 18 मई की शाम को टहलने के लिए निकले थे, तभी वे लापता हो गए। जब वे वापस नहीं लौटे, तो उनकी तलाश शुरू की गई। अगली सुबह उनके शव एक नाले के पास मिले।
डीएसपी ने बताया कि शवों पर धारदार हथियारों से किए गए गहरे जख्म के निशान थे, खासकर सिर और अन्य हिस्सों पर, जिससे क्रूर हमले का संकेत मिलता है। पुलिस ने डॉक्टरों के एक बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाया और शव परिजनों को सौंप दिए, जिन्होंने सोमवार शाम को उनका अंतिम संस्कार कर दिया।
डीएसपी ने बताया कि जांच में पता चला है कि घटना से कुछ दिन पहले उसी गांव के दो युवक पीड़ितों के घर आए थे और उन पर अपनी बहनों को परेशान करने का आरोप लगाया था। उन्होंने पीड़ितों को चेतावनी भी दी थी कि अगर वे अपना व्यवहार नहीं बदलेंगे तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
उन्होंने कहा कि पुलिस मामले में अन्य लोगों की संलिप्तता की भी जांच कर रही है। डीएसपी ने कहा, “नौ किशोरों में से सात की पहचान कर ली गई है और उन्हें हिरासत में ले लिया गया है।”
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