पानीपत, 27 जून हरियाणा विश्वविद्यालय अनुबंधित शिक्षक संघ (हुक्टा) के सदस्यों ने मंगलवार देर शाम चंडीगढ़ स्थित शिक्षा राज्य मंत्री सीमा त्रिखा से मुलाकात कर अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा। हुक्टा के प्रदेशाध्यक्ष विजय मलिक ने कहा कि प्रदेश के विश्वविद्यालयों में स्थायी सहायक प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर की भर्ती की जा रही है। उन्होंने मांग की कि विश्वविद्यालयों में अस्थायी, अनुबंधित, अंशकालिक या विजिटिंग फैकल्टी के रूप में कार्यरत सहायक प्रोफेसरों को पहले नियमित किया जाए और उसके बाद शेष पदों पर नियमित भर्ती की जाए।
उन्होंने कहा कि यह अनुचित होगा यदि अस्थायी सहायक प्रोफेसरों, जिन्होंने 15 वर्षों तक अनुबंध पर काम किया है, को इस समय नजरअंदाज किया जाए। मलिक ने बताया कि इस भर्ती के लिए रिक्तियों की संख्या में अनुबंध पर कार्यरत सहायक प्रोफेसर के पदों को भी शामिल किया गया है।
उन्होंने कहा कि ऐसे सहायक प्रोफेसरों को नियमित करने के बजाय उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।
आंकड़ों के अनुसार, कुल 1,443 सहायक प्रोफेसर विभिन्न राज्य विश्वविद्यालयों में अनुबंध पर काम कर रहे हैं, जिनमें कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में 240, एमडीयू, रोहतक में 75, सीडीएलयू, सिरसा में 185, जीजेयू, हिसार में 154, बीपीएस महिला विश्वविद्यालय, खानपुर कलां में 171, चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय, भिवानी में 100, चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय, जींद में 156, डीसीआरयूएसटी, मुरथल में 80, गुरुग्राम विश्वविद्यालय, गुरुग्राम में 65, पंडित लखमी चंद स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ परफॉर्मिंग एंड विजुअल आर्ट्स, रोहतक में 40, जेसी बोस यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, वाईएमसीए, फरीदाबाद में 45, डॉ बीआर अंबेडकर नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, सोनीपत में चार, महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय, कैथल में 10, श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय, पलवल में 31 और 4 अन्य सहायक प्रोफेसर शामिल हैं। राज्य सरकार ने नियमितीकरण के लिए पांच से सात साल से अनुबंध पर काम कर रहे कर्मचारियों की जानकारी मांगी है।
उन्होंने कहा कि मंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया है कि किसी की नौकरी नहीं छीनी जाएगी तथा सरकार मामले से अवगत है तथा उचित कार्रवाई करेगी।
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