नई दिल्ली, बांग्लादेश में आरक्षण के मुद्दे पर फैली हिंसा में सैकड़ों मौतों के बाद प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर भारत आईं बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के पुत्र सजीब वाजेद ने आईएएनएस से एक्सक्लूसिव बातचीत में बांग्लादेश में फैले रक्तपात पर खुलकर बात की।
सजीब वाजेद के अनुसार प्रधानमंत्री शेख हसीना प्रदर्शनकारियों का खून अपने हाथों पर नहीं चाहती थी, इसलिए उन्हें यह कदम उठाना पड़ा।
उन्होंने कहा, “इस्तीफा देने से एक दिन पहले, मैंने उनसे बात की और उन्होंने कहा कि वह और अधिक रक्तपात नहीं चाहती और अपने हाथों पर प्रदर्शनकारियों का खून नहीं चाहतीं।”
साथ ही पूरे बांग्लादेश में चल रही हिंसा को असंवैधानिक करार देते हुए सजीव वाजेद ने कहा, “दुर्भाग्य से, यह पूरी स्थिति अब असंवैधानिक है। बांग्लादेश में, कोई कानून-व्यवस्था नहीं है, पूरे देश में दंगे, लूटपाट और बर्बरता हो रही है।”
बता दें, बांग्लादेश में 30 फीसदी नौकरियों में 1971 के स्वतंत्रता संग्राम के नायकों के बच्चों के अलावा पौत्र-पौत्रियों के लिए, प्रशासनिक जिलों के लोगों के लिए 10 फीसदी, महिलाओं के लिए 10 फीसदी, जातीय अल्पसंख्यक समूहों को 5 फीसदी और विकलांगों को 1 फीसदी आरक्षण नौकरियों में दिया जा रहा है। इसके अलावा बांग्लादेश में आरक्षण व्यवस्था के अंतर्गत महिलाओं, विकलांगों और जातीय अल्पसंख्यक लोगों के लिए भी सरकारी नौकरियों में आरक्षण का प्रावधान पहले से ही है। इस रिजर्वेशन सिस्टम को 2018 में वहां की सुप्रीम कोर्ट द्वारा निलंबित कर दिया गया था। इस निलंबन के बाद इस तरह के विरोध प्रदर्शन पूरे देश में रूक गए थे।
पिछले सोमवार को बांग्लादेश में भीड़ ने अपनी मांगों को लेकर राजधानी व उसके आसपास के इलाकों में आगजनी, तोड़फोड़ की जिसमें सैकड़ों लोगों के मारे जाने की भी पुष्टि हुई है। इसके अलावा राजधानी में लगे शेख मुजीबुर्रहमान की मूर्ति को भी तोड़ दिया गया।
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