नई दिल्ली, 8 अगस्त । मनोनीत सदस्य सतनाम सिंह संधू ने गुरुवार को राज्यसभा में पंजाब की नदियों के प्रदूषण का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि दुनिया भर से अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी पक्षी प्रजनन के लिए भारत आते हैं, लेकिन प्रदूषण के कारण पंजाब में इनकी संख्या कम हो रही है।
संधू ने कहा कि हर साल करोड़ों की संख्या में अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी पक्षी भारत आते हैं, और पंजाब में आने वाले इन पक्षियों की संख्या कम हो गई है। पंजाब में सात झीलें हैं, जिनमें से केवल पांच को ही रामसर साइट का दर्जा दिया गया है। बाकी झीलों के संरक्षण की व्यवस्था न होने के कारण उनका पानी प्रदूषित हो रहा है। नदियों का पानी भी प्रदूषित हो गया है।
उन्होंने कहा कि सतलुज नदी का बुद्ध नाला प्रदूषण और तबाही मचा रहा है। यह मौत का सौदागर बन चुका है। लुधियाना के रंगाई उद्योग और डेयरी का पानी बुद्ध नाले को सबसे ज्यादा प्रदूषित कर रहा है। नदी से होता हुआ इस नाले का प्रदूषित पानी पंजाब से हरियाणा और फिर राजस्थान जा रहा है। इसका सबसे ज्यादा असर इंसानों के साथ-साथ प्रवासी पक्षियों पर पड़ रहा है। इन विदेशी पक्षियों की संख्या कम होती जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को इस मुद्दे पर गंभीरता से संज्ञान लेना चाहिए।
संधू ने कहा कि मोदी सरकार ने आजादी के 75वें अमृत महोत्सव पर देश के हर जिले में 75 अमृतसर सरोवर बनाने का फैसला लेकर बहुत बड़ा काम किया है। इसके तहत हर जिले में 75 सरोवर बनाए जा रहे हैं। इससे प्रवासी पक्षियों को संरक्षण मिल रहा है।
मिशन अमृत सरोवर की शुरुआत 24 अप्रैल 2022 को की गई थी, जिसका उद्देश्य भविष्य के लिए जल संरक्षण करना है। इस मिशन का उद्देश्य देश के प्रत्येक जिले में 75 अमृत सरोवर (तालाब) विकसित करना/ उन्हें पुनर्जीवित करना है, जिससे देश में कुल 50 हजार अमृत सरोवर बनेंगे।
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