शिमला, 10 अगस्त राज्य सरकार ने पूरे राज्य में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए हिम-उन्नति नामक एक नई पहल शुरू की है। 150 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ, यह योजना लगभग 1.92 लाख किसानों के प्रयासों को बढ़ावा देगी जो पहले से ही 32,149 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर रसायन मुक्त खेती कर रहे हैं।
यह कार्यक्रम क्लस्टर आधारित विकास मॉडल के माध्यम से कृषि क्षेत्र को आर्थिक रूप से व्यवहार्य बनाने और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने पर केंद्रित होगा।
हिम-उन्नति के तहत, सरकार थोक उत्पादन सुनिश्चित करने के लिए छोटे किसानों को एकीकृत करेगी, जिससे पर्याप्त विपणन योग्य अधिशेष सुनिश्चित होगा। यह पहल विभिन्न चल रही कृषि योजनाओं को भी एकीकृत करेगी और योजना के प्रभाव को अधिकतम करने के लिए पशुपालन, बागवानी, मत्स्य पालन और ग्रामीण विकास जैसे विभागों के साथ समन्वय करेगी।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, “इस योजना से छोटे और सीमांत किसानों, महिला किसानों और अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) परिवारों सहित समाज के कमज़ोर वर्गों के लोगों को विशेष रूप से लाभ होगा। इस योजना से 2,600 केंद्रित कृषि समूहों के निर्माण के माध्यम से लगभग 50,000 किसानों के लिए स्वरोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है। इसके अलावा, इससे राज्य में सब्जियों और अनाज की उत्पादकता में 15-20 प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना है।”
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