फरीदाबाद/पलवल, 24 अगस्त आगामी विधानसभा चुनावों के लिए छोटे दलों के बीच गठबंधन से फरीदाबाद और पलवल जिलों के कुछ क्षेत्रों में दो मुख्य राजनीतिक दलों, भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधे मुकाबले की संभावना प्रभावित हो सकती है।
राजनीतिक और सामाजिक विश्लेषक नरेंद्र सिरोही कहते हैं, “इनेलो और बसपा पहले ही गठबंधन कर चुके हैं और आप, जेजेपी, समाजवादी पार्टी और आजाद समाज पार्टी (कंसीराम) के बीच भी इसी तरह का गठबंधन होने की उम्मीद है। इससे मुकाबला त्रिकोणीय या बहुकोणीय हो सकता है, क्योंकि विधानसभा चुनावों में स्थानीय मुद्दे हावी रहते हैं।”
राजनीतिक सूत्रों का कहना है, “बसपा और इनेलो मिलकर भाजपा और कांग्रेस को कुछ सीटों पर कड़ी चुनौती दे सकते हैं, जहां उनका पारंपरिक वोट बैंक है। बसपा अनुसूचित जाति (एससी) वोट बैंक का फायदा उठा सकती है, जो फरीदाबाद जिले के छह विधानसभा क्षेत्रों में कुल मतदाताओं का करीब 16.5 प्रतिशत है, जबकि इनेलो को क्षेत्र में 15.6 प्रतिशत जाट मतदाताओं का अच्छा हिस्सा मिल सकता है।”
पृथला विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक टेक चंद शर्मा ने 2014 के विधानसभा चुनाव में बीएसपी के टिकट पर यह सीट जीती थी। 2009 के चुनाव में उन्हें करीब 31,000 वोट मिले थे, जो इस क्षेत्र में एससी वोट बैंक के प्रभाव को दर्शाता है। राजनीतिक विश्लेषक सुभाष डागर कहते हैं, “इनेलो और बीएसपी के बीच गठबंधन से कुछ विधानसभा सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय हो सकता है, जहां दोनों पार्टियों का दबदबा है।”
वे कहते हैं कि जेजेपी, जिसने पिछले विधानसभा चुनाव में मुख्य रूप से पूर्व उप प्रधानमंत्री देवीलाल की विरासत के दम पर जमीन हासिल की थी, वह आप या चंद्रशेखर आजाद की अगुवाई वाली आजाद समाज पार्टी (एएसपी-कांशीराम) के साथ गठबंधन पर भी विचार कर सकती है, और इसलिए कुछ क्षेत्रों में मुकाबला दिलचस्प होने की संभावना है।”
पलवल जिले की हथीन विधानसभा सीट पर भी अब तक हुए 13 चुनावों में से चार बार निर्दलीय उम्मीदवार जीतकर सभी को चौंका दिया है। आप के वरिष्ठ नेता प्रवेश मेहता कहते हैं कि फिलहाल किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन करने का कोई विचार नहीं है, लेकिन संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता, क्योंकि ऐसे फैसले परिस्थितियों पर निर्भर करते हैं।
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