लखनऊ, 2 अक्टूबर। योगी सरकार ने खरीफ फसलों की कटाई के सीजन को देखते हुए बुधवार को सभी जिलाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि फसल कटाई की अवधि के दौरान राजस्व कर्मियों को किसी अन्य ड्यूटी में नहीं लगाया जाएगा। हालांकि, विशेष परिस्थितियों में उन्हें अन्य कार्यों में नियुक्त करने की अनुमति दी जाएगी, जिसके लिए शासन से पूर्व अनुमोदन लेना अनिवार्य होगा।
सीएम योगी ने इस संबंध में उपजिलाधिकारी और तहसीलदारों को फसल कटाई प्रयोगों की समीक्षा करने के निर्देश भी दिए गए हैं। सभी जनपदों में कृषि, राजस्व और विकास विभाग के अधिकारियों को 15 प्रतिशत अनिवार्य निरीक्षण के लिए नामित करने की आवश्यकता होगी।
इसके अलावा, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत इंपैनल्ड बीमा कंपनियों के प्रतिनिधियों द्वारा 30 प्रतिशत क्रॉप कटिंग प्रयोगों का अवलोकन कराने के निर्देश भी दिए गए हैं। फसल कटाई के बाद, कटाई प्रयोगों का परीक्षण पोर्टल पर किया जाएगा, जिसके बाद ही उपज का तौल अनुमोदित किया जाएगा।
हाल ही में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की उपस्थिति में हुई प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि सीसीई एग्री ऐप के माध्यम से खरीफ 2022 से भारत सरकार के निर्देशानुसार 100 प्रतिशत क्रॉप कटिंग अनिवार्य रूप से लागू है। फसल बीमा में शामिल फसलें खरीफ सीजन के अंतर्गत धान, मक्का, बाजरा, ज्वार, उड़द, मूंग, तिल, मूंगफली, सोयाबीन और अरहर (कुल 10 फसल) तथा रबी सीजन के अंतर्गत गेहूं, जौ, चना, मटर, मसूर, लाही-सरसों, अलसी और आलू (कुल 8 फसलें) हैं। सीसीई एग्री ऐप से क्रॉप-कटिंग कराने हेतु राजस्व परिषद से निर्देश जारी किए जा चुके हैं।
रबी 2023-24 में 86.09 प्रतिशत प्रयोग सीसीई एग्री ऐप के माध्यम से संपादित किए गए। इसी प्रकार, जीसीईएस ऐप पर भी रबी 2023-24 में क्रॉप कटिंग के 13,388 प्रयोग नियोजित हुए, जिनमें से 88 प्रतिशत प्रयोग जीसीईएस ऐप से संपादित किए गए। खरीफ 2024 के लिए 13,654 प्रयोग नियोजित किए गए हैं।
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