नई दिल्ली, 8 अक्टूबर। भूतपूर्व केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के संस्थापक रामविलास पासवान की पुण्यतिथि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने श्रद्धांजलि अर्पित की। पीएम मोदी ने कहा कि मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे उनके साथ इतने सालों तक काम करने का मौका मिला।
पीएम मोदी ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”मैं अपने अत्यंत प्रिय मित्र और भारत के सबसे बड़े नेताओं में से एक रामविलास पासवान जी को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। वे एक उत्कृष्ट नेता थे, जो गरीबों को सशक्त बनाने एवं एक मजबूत और विकसित भारत के निर्माण के लिए पूरी तरह समर्पित थे। मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे उनके साथ इतने सालों तक काम करने का मौका मिला। मुझे कई मुद्दों पर उनकी अंतर्दृष्टि की बहुत याद आती है।”
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक्स पोस्ट में लिखा, ”रामविलास पासवान जी ने भारतीय राजनीति के केंद्र में वंचितों और उनकी समस्याओं को स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने अपने जीवन से यह साबित किया कि दृढ़ इच्छा शक्ति और जनकल्याण के कार्यों से एक व्यक्ति बड़े परिवर्तन का माध्यम बन सकता है। वंचितों के विकास और जनतांत्रिक मूल्यों के प्रति आजीवन समर्पित रामविलास पासवान जी की पुण्यतिथि पर उनका स्मरण कर उन्हें नमन करता हूं।”
भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने एक्स पोस्ट में लिखा, ”लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक, पद्मभूषण से सम्मानित पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान जी की पुण्यतिथि पर उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। रामविलास जी का संपूर्ण जीवन जनसेवा और गरीबों के उत्थान को समर्पित रहा। सामाजिक न्याय व शोषित, पीड़ित, वंचित वर्ग के उन्नयन के लिए किए गए उनके कार्य अविस्मरणीय हैं।”
रामविलास पासवान का जन्म 5 जुलाई 1946 को बिहार के खगड़िया जिले में हुआ था। वह देश के सबसे अनुभवी नेताओं में से एक थे और पांच दशक से भी ज्यादा के संसदीय अनुभव में वह नौ बार लोकसभा और दो बार राज्यसभा सांसद रहे। अपने सियासी सफर में छह प्रधानमंत्रियों के साथ काम करने वाले पासवान ने 8 अक्टूबर के दिन ही 74 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कहा था।
पासवान ने 1977 में जनता पार्टी के टिकट पर पहली बार बिहार की हाजीपुर सीट से लोकसभा का चुनाव जीता था। हाजीपुर सीट और रामविलास पासवान हमेशा एक-दूसरे के पूरक बने रहे। 1989 में वह केंद्र की विश्वनाथ प्रताप सिंह सरकार में पहली बार कैबिनेट में शामिल हुए और श्रम कल्याण मंत्री बने थे।
इसके बाद वह संयुक्त मोर्चा की सरकार में एचडी. देवगौड़ा और इंद्र कुमार गुजराल की कैबिनेट में भी मंत्री रहे। 1999 में वह अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में भी केंद्र में मंत्री रहे। इसके एक साल बाद उन्होंने लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) की स्थापना की थी। इसके बाद केंद्र की यूपीए और एनडीए के कार्यकाल में भी रामविलास पासवान शामिल रहे। यह उनकी खासियत थी। चाहे किसी पार्टी की सरकार हो, वह कभी सरकार से बाहर नहीं रहे। उनके बारे में यह बात बड़ी चर्चित थी कि वह राजनीति में यह भांप लेते थे कि हवा किसके पक्ष में बह रही है।
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