अपनी बासमती उपज का बेहतर मूल्य पाने के लिए किसान अपनी फसल को एक मंडी से दूसरी मंडी ले जा रहे हैं।
पिछले साल जिस फसल का भाव 5,000 रुपये प्रति क्विंटल था, उसे व्यापारी 2,800 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से खरीद रहे हैं। अब तक व्यापारियों ने अमृतसर जिले में करीब 4 लाख मीट्रिक टन फसल खरीदी है।
इस सीजन में बासमती की खेती का रकबा 80 फीसदी बढ़ा है। ज्यादातर किसानों ने 1509, 1692, 1121, 1718 और 1885 बासमती की किस्में बोई हैं।
किसान कार्यकर्ता सुखदेव सिंह सहंसरा ने कहा, “पिछले साल हमें 5,000 रुपये प्रति क्विंटल का भाव मिला था। अब हमें 2,500 रुपये प्रति क्विंटल से ज़्यादा भाव नहीं मिल रहा है।” अधिकारियों के मुताबिक, जिले की मंडियों में 5.50 लाख मीट्रिक टन धान की आवक हुई है। इसमें से 4.10 लाख मीट्रिक टन बासमती है।
खरीद एजेंसियों ने 1.40 लाख मीट्रिक टन गैर-बासमती उपज खरीदी है और इसमें से 74,768 मीट्रिक टन का उठाव किया है।
जिला मंडी अधिकारी अमनदीप सिंह ने बताया, “अगेती बोई गई बासमती 1509 और 1692 की खरीद हो चुकी है। गैर-बासमती किस्में अक्टूबर के अंत तक मंडियों में आ जाएंगी। देर से बोई गई बासमती किस्में नवंबर के पहले सप्ताह में मंडियों में पहुंच जाएंगी।”
राज्य भर की अन्य मंडियों में देखी गई धान की अधिकता के विपरीत, अमृतसर जिले में खरीद और उठाव सुचारू रूप से चल रहा है।
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