November 24, 2024
Himachal

प्रत्येक जिले में आदर्श सौर गांव विकसित किए जाएंगे

प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत हर जिले में एक गांव को आदर्श सौर गांव के रूप में विकसित किया जाएगा। कांगड़ा जिले में योजना के कार्यान्वयन की समीक्षा के लिए सरकार द्वारा अधिसूचित जिला स्तरीय समन्वय समिति (डीएलसीसी) की पहली बैठक कल उपायुक्त हेमराज बैरवा की अध्यक्षता में हुई।

उपायुक्त कार्यालय में आयोजित बैठक में योजना के तहत जिले में परियोजना के विस्तार पर चर्चा की गई।बैरवा ने बताया कि योजना के तहत जिले में एक गांव को चिन्हित कर उसे सोर ऊर्जा गांव के रूप में विकसित किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि कांगड़ा जिले में आदर्श सौर ऊर्जा गांव के चयन की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। उन्होंने बताया कि 2,000 या उससे अधिक की आबादी वाले तथा गैर-परंपरागत ऊर्जा के उपयोग में सबसे अधिक भागीदारी वाले गांव इस योजना के तहत आवेदन करने के पात्र होंगे। ऐसे आदर्श सौर ऊर्जा गांवों के विकास तथा गांवों में हरित ऊर्जा के विस्तार के लिए सरकार 1 करोड़ रुपए मंजूर करेगी। चयन के लिए कांगड़ा जिले के पात्र गांवों की सूची हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड के कांगड़ा, देहरा तथा डलहौजी सर्किलों को उपलब्ध करा दी गई है।

उपायुक्त ने कहा कि चयनित आदर्श सौर गांव के लिए सरकार द्वारा नामित आदर्श सौर गांव कार्यान्वयन एजेंसी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करेगी तथा गांव को सौर ऊर्जा संचालित गांव में बदलने के लिए उस पर काम करेगी। उन्होंने कहा कि कांगड़ा जिले में इस योजना को प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा ताकि लक्ष्य हासिल किए जा सकें तथा इसके कार्यान्वयन में हुई प्रगति की नियमित आधार पर समीक्षा की जाएगी।

बैरवा ने बताया कि इस योजना के तहत घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के लिए 3 किलोवाट तक की क्षमता के ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप सोलर पावर प्लांट पर सरकार की ओर से सब्सिडी की सुविधा है। उन्होंने बताया कि 2 किलोवाट क्षमता तक के लिए बेंचमार्क लागत का 60 प्रतिशत यानि 33,000 रुपए प्रति किलोवाट तथा अतिरिक्त एक किलोवाट के लिए बेंचमार्क लागत का 40 प्रतिशत यानि 19,800 रुपए सब्सिडी की सुविधा है।

उन्होंने कहा कि लोग इसके पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराकर योजना का लाभ उठा सकते हैं। हिमऊर्जा के परियोजना अधिकारी और डीएलसीसी के सदस्य सचिव रमेश ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड इस योजना को क्रियान्वित कर रहा था, जबकि सरकार ने इसके कार्यान्वयन की समीक्षा के लिए हिमऊर्जा को नोडल एजेंसी के रूप में अधिसूचित किया था। उन्होंने कहा कि योजना के मुख्य घटकों में घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के लिए केंद्रीय वित्तीय सहायता (सीएफए), सरकारी भवनों में सौर ऊर्जा संतृप्ति, स्थानीय निकायों के प्रचार के लिए प्रोत्साहन और आदर्श ऊर्जा ग्राम का विकास शामिल है।

बैरवा ने बताया कि योजना के तहत 31 मार्च 2027 तक देश में एक करोड़ घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के घरों की छतों पर एक करोड़ ग्रिड से जुड़े सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने का लक्ष्य है, जिसके लिए केन्द्र सरकार ने 75,021 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।

Leave feedback about this

  • Service