जिला पुलिस ने सभी बैंकों के प्रबंधकों को निर्देश दिए हैं कि वे साइबर ठगी के मामले में जांच अधिकारी को बैंक से संबंधित पूरा डाटा समय पर उपलब्ध करवाएं, ताकि साइबर अपराध के मामलों में त्वरित कार्रवाई की जा सके। यह निर्देश आज डीएसपी (मुख्यालय) रविंदर सिंह ने साइबर अपराध के संबंध में बैंक प्रबंधकों की बैठक लेते हुए दिए। बैठक में बैंक प्रबंधकों ने उन्हें अपने परिसर में साइबर हेल्प डेस्क स्थापित करने का भी आश्वासन दिया, ताकि ग्राहकों को साइबर अपराध के बारे में जागरूक किया जा सके और पुलिस को आवश्यक डाटा उपलब्ध करवाया जा सके।
डीएसपी ने कहा, “साइबर अपराध के मामलों में पुलिस गोल्डन ऑवर्स की सीमा में काम करते हुए रिस्पांस टाइम को कम करने का प्रयास कर रही है। इसमें पुलिस की भूमिका बैंक कर्मचारियों जितनी ही महत्वपूर्ण है, इसलिए इनके बीच बेहतर समन्वय स्थापित कर मिलकर काम करना बहुत जरूरी है, ताकि साइबर अपराध को प्रभावी ढंग से रोका जा सके।”
उन्होंने बैंकों को निर्देश दिए कि वे आरबीआई की गाइडलाइन के अनुसार ई-केवाईसी सही तरीके से करें, ताकि फर्जी बैंक खाते न खोले जा सकें। उन्होंने कहा कि सभी बैंक अधिकारी इसका अनुपालन सुनिश्चित करें। डीएसपी ने बैंक प्रबंधकों को साइबर हेल्पलाइन-1930 के बारे में जानकारी देने के साथ ही ग्राहकों को साइबर ठगी के मामलों के बारे में जागरूक करने को कहा। प्रबंधकों को बैंक परिसर में साइबर हेल्पलाइन के लिए साइन बोर्ड लगवाने को कहा।
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