January 15, 2025
Haryana

पांच जिलों के सेवा केंद्रों में पारिवारिक डेटा से छेड़छाड़

Family data tampered in service centers of five districts

पांच जिलों में संचालित कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) कथित तौर पर परिवार पहचान पत्र के आंकड़ों के साथ छेड़छाड़ में संलिप्त पाए गए हैं।

पुलिस और हरियाणा परिवार पहचान प्राधिकरण (एचपीपीए) की संयुक्त टीम द्वारा की जा रही जांच के दौरान यह बात सामने आई। ये सीएससी सिरसा, फतेहाबाद, सोनीपत, रोहतक और झज्जर में स्थित हैं। सूत्रों ने बताया कि त्वरित कार्रवाई करते हुए इन केंद्रों के पीपीपी पोर्टल पर लॉग-इन एक्सेस को ब्लॉक कर दिया गया है।

नागरिक संसाधन सूचना विभाग (सीआरआईडी) में काम करने वाले तीन संविदा कर्मचारियों को पोर्टल पर पारिवारिक विवरण के साथ छेड़छाड़ करने के आरोप में पांच दिन पहले गिरफ्तार किया गया था। इन आईडी के ‘अवांछित सदस्य को हटाने’ कॉलम के तहत विवरण पिछले कुछ महीनों में बदल दिए गए थे।

सूत्रों ने बताया, “अभी तक की जांच में पता चला है कि 10 से ज़्यादा ऐसे सीएससी की लॉग-इन आईडी का इस्तेमाल बिना किसी प्रक्रिया का पालन किए पीपीपी से परिवार के सदस्यों का नाम हटाने के लिए अवैध रूप से किया जा रहा था। या तो सीएससी संचालक या फिर लॉग-इन आईडी का इस्तेमाल करने वाले लोग पैसे के बदले में इस अवैध काम को अंजाम दे रहे थे।”

उन्होंने दावा किया कि विभिन्न जिलों से संबंधित 6,000 से अधिक संदिग्ध पारिवारिक पहचान पत्रों की जांच की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि किसी भी परिवार के सदस्य का नाम हटाने से पहले सभी औपचारिकताएं पूरी की गई थीं या नहीं। चूंकि संख्या काफी अधिक थी, इसलिए प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए अतिरिक्त कर्मचारियों को लगाया गया था।

सूत्रों ने बताया, “उन सभी पहचान पत्रों को उनके मूल स्वरूप में लाया जाएगा, जिनके विवरण मानदंडों के विरुद्ध संशोधित पाए जाएंगे। ऐसे कई पहचान पत्रों की पहचान पहले ही हो चुकी है और उनके धारकों से पूछताछ की जा रही है कि उन्होंने पहचान पत्र से अपने परिवार के किसी सदस्य का नाम कहां से हटवाया।”

एचपीपीए के सुरक्षा विश्लेषक अरुण महेंद्रू ने कहा कि उन सभी केंद्रों का पता लगाया जा रहा है, जिनका डेटा से छेड़छाड़ से संबंध स्थापित हो रहा है। उन्होंने कहा, “कई केंद्रों की लॉग-इन आईडी ब्लॉक कर दी गई है।”

इस बीच, जिला प्रशासन ने तीनों संविदा कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करने की संस्तुति कर दी है। इनमें से दो कर्मचारी पिछले दो साल से वहां काम कर रहे थे, जबकि ऑपरेटर को कुछ महीने पहले ही नौकरी पर रखा गया था।

झज्जर की एडीसी सलोनी शर्मा ने कहा, “चूंकि प्रथम दृष्टया तीनों कर्मचारियों की संलिप्तता पोर्टल तक अनधिकृत पहुंच बनाने और डेटा से छेड़छाड़ करने में पाई गई है, इसलिए मैंने राज्य प्राधिकारियों से उन्हें सीआरआईडी सेवाओं से हटाने की सिफारिश की है।”

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