January 18, 2025
National

अखिलेश या ममता को कन्वीनर बनाने का कोई मतलब नहीं, इंडिया गठबंधन में टूट की संभावना : राकेश त्रिपाठी

There is no point in making Akhilesh or Mamta a convener, there is a possibility of break in the India alliance: Rakesh Tripathi

नई दिल्ली, 6 दिसंबर । भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने गुरुवार को इंडिया गठबंधन को लेकर बड़ा बयान दिया। अखिलेश यादव या ममता बनर्जी को गठबंधन का कन्वीनर बनाने के सवाल को उन्होंने बेकार बताया। उन्‍होंने कहा क‍ि गठबंधन में पहले ही गांठें नजर आ रही हैं और आरोप लगाया कि इंडिया गठबंधन पूरी तरह से अवसरवाद और स्वार्थ पर आधारित है, इसमें कोई वैचारिक समानता नहीं है।

राकेश त्रिपाठी ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि इंडिया गठबंधन खंड-खंड होकर टूटने वाला है। इसमें कोई स्थिरता नहीं है। इनके नेताओं के बीच महज पद की होड़ मची हुई है। यह गठबंधन किसी भी रूप में एकजुट नहीं रह सकता।

संसद के भीतर चल रहे हंगामे पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि जब भी संसद में महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होती है, तब अचानक से विदेशी रिपोर्ट सामने आ जाती है। यह जानबूझकर किया गया है, ताकि सांसदों को उस बहस में उलझाया जा सके और लोकहित के मुद्दों पर चर्चा न हो। उन्होंने कहा कि यह प्रवृत्ति लोकतंत्र के लिए खतरनाक और जनता के लिए नुकसानदेह है।

समाजवादी पार्टी के नेता इकरा हसन के बयान पर पलटवार करते हुए राकेश त्रिपाठी ने कहा कि लोकतंत्र का पालन सही तरीके से हो रहा है। वह लोग सवाल उठा रहे हैं, जिन्होंने आतंकवादियों के पक्ष में बयान दिए थे। जिन लोगों ने कोर्ट के आदेशों की अवहेलना की, वह आज संविधान की बात कर रहे हैं। सपा पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि जब समाजवादी पार्टी की सरकार थी, तब उन्होंने लोकतंत्र और संविधान का पालन नहीं किया। आज वे दूसरों को संविधान का पाठ पढ़ा रहे हैं।

संभल मामले पर भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि संभल में कानून का मजाक उड़ाने का प्रयास किया गया। नेताओं ने न्यायपालिका के आदेशों की अवहेलना की और अब वही लोग संविधान का सबसे बड़ा रक्षक बनने का ढोंग कर रहे हैं।

अखिलेश यादव के डीएनए वाले बयान पर उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि अखिलेश यादव बार-बार डीएनए चेक कराने की बात क्यों कर रहे हैं, अगर उन्होंने डीएनए जांच कराई, तो बहुत से अपराधियों का डीएनए उनके साथ मैच कर सकता है। यह उनके लिए एक बड़ा सवाल हो सकता है। अखिलेश यादव ने कभी भी अपराधियों और आतंकवादियों के खिलाफ सख्त कदम नहीं उठाए और अब संविधान की दुहाई दे रहे हैं।

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