राज्य सरकार सेब की खेती के पुनरुद्धार के लिए 500 करोड़ रुपये की समर्पित परियोजना तैयार करने पर विचार कर रही है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां बागवानी विभाग द्वारा कार्यान्वित विभिन्न योजनाओं की प्रगति का मूल्यांकन करने के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा, “यह परियोजना पांच वर्षों के लिए क्रियान्वित की जाएगी और इसका उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाने तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए उच्च घनत्व वाले बागानों को बढ़ावा देना है।”
सुखू ने बागवानी में विविधता के महत्व पर जोर दिया और कहा कि किसानों और बागवानों के लिए उचित मूल्य सुनिश्चित करने के लिए बेहतर भंडारण और विपणन प्रणाली विकसित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार बागवानों को बहुत जरूरी सहायता प्रदान करने के लिए जिला स्तर पर आधुनिक कोल्ड स्टोरेज सुविधाएं स्थापित करने की योजना बना रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार ऊना जिले में आलू प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने के लिए भी काम कर रही है ताकि किसानों की आर्थिकी को मजबूत किया जा सके और स्वरोजगार के अवसर पैदा किए जा सकें। उन्होंने 2023-24 और 2024-25 के दौरान विभिन्न राज्य बागवानी योजनाओं की उपलब्धियों की समीक्षा की।
बागवानी विकास योजना के तहत पिछले साल पावर टिलर और स्प्रेयर पर 12.84 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जिससे 4,244 बागवानों को लाभ मिला। चालू वित्त वर्ष में अब तक 9 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जिससे 3,156 बागवानों को लाभ मिला। इसी तरह एंटी हेल नेट योजना के तहत पिछले साल 14.45 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जिससे 1,767 लोगों को लाभ मिला, जबकि इस साल 10.3 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जिससे 1,223 लोगों को लाभ मिला।
सुखू ने कहा, ‘‘हिमाचल पुष्प क्रांति योजना के तहत 2023-24 में 11 करोड़ रुपये का उपयोग किया गया है, जिससे 750 लोगों को लाभ मिलेगा।’’ मुख्यमंत्री ने बागवानी विभाग को किसानों और बागवानों के लिए लाभ को अधिकतम करने के लिए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया।
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