ओडिशा के उप-मुख्यमंत्री कनक वर्धन सिंह देव ने प्रवासी भारतीय दिवस कार्यक्रम भुवनेश्वर में कराने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर का आभार जताया। उन्होंने कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करना चाहूंगा कि उन्होंने इस कार्यक्रम का आयोजन करने के लिए भुवनेश्वर का चयन किया।
उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री मोदी हमेशा से ही इस बात पर बल देते हुए आए हैं कि जब तक सूर्य उदय नहीं होगा, तब तक भारत विकसित नहीं होगा। इसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए उन्होंने अब इस कार्यक्रम के लिए ओडिशा का चयन किया है। मुझे पूरा विश्वास है कि इससे न सिर्फ ओडिशा, बल्कि संपूर्ण भारत का विकास होगा।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मुकेश महालिंग ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि यह ओडिशा के लिए गर्व की बात है कि इतना बड़ा कार्यक्रम आयोजित होने जा रहा है। अगर इस तरह के कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ओडिशा में आयोजित किए जाएंगे, तो निश्चित तौर पर ओडिशा के विकास को एक नया बल मिलेगा और एक नई दिशा मिलेगी, जो हमारे यहां के लोगों को नई ऊर्जा ओत प्रोत करेगी।
उन्होंने आगे कहा कि हमने इस महीने उत्कर्ष ओडिशा के नाम का एक कार्यक्रम भी रखा है, जिसे लेकर पूरी रूपरेखा पहले ही निर्धारित की जा चुकी है। ओडिशा के सभी लोग इस कार्यक्रम को लेकर उत्सुक हैं।
इस कार्यक्रम से जुड़े एक शख्स ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि इस तरह का कार्यक्रम पूरी दुनिया में रहने वाले हिंदुस्तानियों को जोड़ने का काम करता है। जिस तरह से पहले लोग संयुक्त परिवार में रहा करते थे, ठीक उसी प्रकार से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरी दुनिया में रहने वाले प्रत्येक भारतीय को संयुक्त करने की कवायद शुरू हो चुकी है। मैं एक बात कहना चाहता हूं कि दुनियाभर में रहने वाले भारतवासियों के पासपोर्ट अलग-अलग हो सकते हैं। लेकिन, हम सभी का खून एक है। मैं कहना चाहूंगा कि इस तरह के कार्यक्रम होने चाहिए। इस तरह के कार्यक्रम पूरी दुनिया को जोड़ने का काम करते हैं। अगर इस तरह का कार्यक्रम आयोजित होगा, तो भारत के लिए आगामी दिनों में निवेश का मार्ग प्रशस्त होगा।
उन्होंने पौराणिक ग्रंथ रामायण का जिक्र कर कहा कि रामायण घर-घर में पढ़ाना चाहिए। उससे हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है। हर ग्रंथ हमें बहुत कुछ सीखाता हैं। इसमें कहा गया है कि राजा दशरथ ने भगवान राम से कहा कि आपको 14 साल के वनवास पर जाना है, तो भगवान राम चले गए। रामायण में कई ऐसे प्रसंग हैं, जिससे हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है, लिहाजा हमें इसे घर-घर में पढ़ाना चाहिए।
कार्यक्रम में आए एक शख्स ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि प्रवासी भारतीय कार्यक्रम दुनियाभर में रहने वाले हिंदुस्तानियों के मुद्दों को लेकर विचार- विमर्श करने का एक मंच है।
मॉरिशस से आई डॉ शशि रूथल ने भी आईएएनएस से बातचीत के दौरान इस कार्यक्रम को लेकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि मैं भी मीडिया से ही जुड़ी हुई हूं। दो रेडियो चलाती हूं। यह मंच विकास को आदान प्रदान करने का काम करता है। यह एक ऐसा मंच है, जो हमें हमारे जड़ों से जोड़ने का काम करता है।
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